कृषि महाविद्यालय में मनाया गया कृषि शिक्षा दिवस
बिलासपुर । बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, बिलासपुर में स्वतंत्र भारत वर्ष के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 136 वी जयंती के अवसर पर “कृषि शिक्षा दिवस” कार्यक्र्म का सफल आयोजन अधिष्ठाता डॉ. आर.के.एस. तिवारी के मुख्य आतिथ्य में हुआ। “कृषि शिक्षा दिवस” कार्यक्र्म का आयोजन स्कूल के छात्र – छात्राओं के बीच किया गया। इस हेतु साईं एग्रीकल्चर स्कूल, बिलासपुर के छात्र- छात्राओं ने कार्यक्रम में सहभागिता की ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व डॉ. राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। अकादमिक प्रभारी डॉ. अजय टेगर ने कृषि शिक्षा दिवस के महत्व एवं कृषि में उच्च शिक्षा हेतु तैयारी के सम्बन्ध में छात्र – छात्राओं को जानकारी दी। वैज्ञानिक डॉ. गीत शर्मा ने कृषि शिक्षा दिवस की शुभकामना प्रेषित करते हुए कृषि शिक्षा में रोजगार की सम्भावनाओं पर छात्र – छात्राओं को बताया।
मुंगेली के युवा कृषि उद्यमी एवं कृषि युग स्टार्टअप के डायरेक्टर तरुण साहू ने उच्च कृषि शिक्षा व उन्नत कृषि कर स्वावलंबी बनने हेतु युवाओं से आह्वान किया। साईं एग्रीकल्चर स्कूल की छात्रा हिना बघेल व अर्चना तिर्की ने भी अपने विचार प्रकट किए। एग्रीकल्चर स्कूल के डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश निर्मलकर ने कृषि शिक्षा दिवस की शुभकामनाएं छात्र–छात्राओं को दी।
देश के लिए कृषि शिक्षा जरुरी
मुख्य अतिथि डॉ. तिवारी ने कहा कि भारत में कृषि शिक्षा का विशेष महत्व एवं असीम संभावनाएं हैं। देश के विकास में कृषि शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि शिक्षा दिवस के आयोजन का उद्देश्य शाला एवं महाविद्यालय विद्यार्थियों में कृषि एवं संबंधित विज्ञानों में शिक्षा के प्रति रूचि जागृत करना एवं कृषि विषय को उनके व्यवसाय एवं अनुसंधान कैरियर के रूप में चुनने हेतु प्रोत्साहित करना है।
कृषि से ही संभव है देश का समग्र विकास
विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ. एस.एल. स्वामी ने कहा की समग्र विकास की परिकल्पना में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि के विकास के बगैर देश का समग्र विकास संभव नहीं है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का सफल संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स ने किया। कृषि शिक्षा दिवस के रूप में आयोजित आज के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारी व छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।