कृषि महाविद्यालय में मनाई
गई गांधी व शास्त्री की जयंती


बिलासपुर। बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती सादगी पूर्ण माहौल में मनाई गई। इस अवसर पर “ग्रामीण कृषि में रोजगार के अवसर” विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई।

परिचर्चा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आनंद मिश्रा,सदस्य प्रबंध मंडल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आरकेएस तिवारी अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदीप शर्मा, कृषि सलाहकार मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, अशोक साहू, डीडीएम नाबार्ड, बिलासपुर एवं डॉ. प्रसून सोनी, सहायक प्राध्यापक, ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। अधिष्ठाता डा तिवारी ने कहा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांव में बसती है, उनका ऐसा कहना इसलिए सार्थक है, भारत की 70% से अधिक जनसंख्या अपने गुजर- बसर के लिए खेती पर निर्भर है। वर्तमान समय में ग्रामीण इलाकों एवं कस्बों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलना चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी इसके पक्षधर थे। मुख्य अतिथि आनंद मिश्रा ने कहा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी के विचार आज भी प्रासंगिक है। गांधी के ग्राम स्वराज के विचार को अपनाकर गांव को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। कोरोना महामारी के बाद रोजगार की समस्या को दूर करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, फल सब्जी, अचार- पापड़, चटाई, बांस की वस्तु जैसे छोटे उद्योगों को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोत्साहित कर ना केवल रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं बल्कि उनसे महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधार कर उन्हें सशक्त भी किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध हो जाने से शहरों की और पलायन भी कम होगा तथा शहरी क्षेत्र में संसाधनों पर दबाव भी कम होगा।

विशिष्ट अतिथि प्रदीप शर्मा ने आभासी माध्यम से कहा शिक्षा प्रणाली को कौशल व व्यवसाय आधारित बनाया जाए ताकि युवाओं को नौकरी के लिए भटकना ना पड़े । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना तभी साकार होगी, जब हम इसे ग्राम स्तर तक पहुंचाएं। गांधीजी नवाचार की वकालत करते थे। अपना राज्य, दुर्ग जिले में गोबर से बिजली पैदा कर नवाचार की ओर अग्रसर है। अशोक साहू ने कहा कि आधुनिक इतिहास को समझना है तो इसके पहले गांधी को समझना होगा। गांधी के विचारों से प्रेरित होकर ही भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की। प्रसून सोनी ने गांधी दर्शन की अवधारणा पर प्रकाश डाला। भारत का दिल गांव में निवास करता है, बिलासपुर के संदर्भ में अगर हमें अपने जिले के अन्नदाता कृषको को खुशहाल बनाना है तो जीवनदायिनी अरपा को प्रदूषण रहित करना होगा। इस अवसर पर बीएससी (कृषि) के छात्र अंकित दुबे, पूर्वी शर्मा व खोंमेश्वर वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किया। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आर.के.शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक अध्यापक डॉ. युष्मा साव ने किया ।