मंजूर है उच्च तापमान, कह रहा पेड़ करंज

बिलासपुर। उच्च तापमान सहन कर सकता है। भूमि जैसी भी है, स्वीकार है। पल-पल बदलने वाला जलवायु भी मंजूर है। यह उस करंज की विशेषता है, जिसके पौधों का रोपण सर्वाधिक संख्या में किया जा रहा है।

जलवायु परिवर्तन के दौर में बढ़ता तापमान अब उन वृक्षों पर खतरा बनता नजर आता है, जो सर्वाधिक वन क्षेत्र में हैं। इसलिए ऐसी प्रजातियों पर रिसर्च शुरू हुआ जिनके पेड़ हमारे यहां हैं लेकिन उनके गुणों से अनजान हैं। इस खोज में करंज को ऐसे गुणों से भरपूर होना पाया गया है जिसकी जरूरत आज है।

बेहद अहम है यह गुण

करंज के वृक्ष पर जब अनुसंधान शुरू हुआ, तब यह जानकारी मिली कि वानिकी वृक्ष की यह प्रजाति 5 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान सहन करने की भरपूर क्षमता रखती है। इतना ही नहीं रेतीली, पथरीली, कंकर वाली भूमि पर भी यह बखूबी के साथ तैयार हो जाता है। क्षारीयता और लवणीयता जैसे तत्व के प्रति यह बेहद सहिष्णु है।

इसलिए ब्रांच कटिंग

बेहद महत्वपूर्ण था इन जानकारियों का सामने आना। रोपण के लिए पौधे तैयार करने की कोशिश में बीज जरूर काम आएंगे लेकिन ब्रांच कटिंग से तैयार पौधों की ग्रोथ बेहतर मानी जा रही है। दिलचस्प यह है कि इस विधि से रोपित पौधों के बीच की खाली जगह पर हल्दी, अदरक, उड़द और अरहर की फसल भी ली जा सकती है।

बीज से बायोडीजल

ईंधन संकट के दौर में हुए अनुसंधान के बाद करंज के बीज से निकलने वाला तेल अब बायोडीजल बनाने के काम आ रहा है। 4 से 7 वर्ष की उम्र वाले करंज के प्रति पेड़ हर बरस 25 से 50 किलो बीज देते हैं। तेल निकाले जाने के बाद शेष रह जाने वाली खली में नाइट्रोजन की भरपूर मात्रा का होना प्रमाणित हुआ है। इसलिए उर्वरक के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।

औषधीय गुणों की खान

करंज औषधीय गुणों से भरपूर एक वृक्ष है, जो समस्त भारत में 1200 मीटर तक की ऊंचाई पर पाया जाता है l करंज का हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में सहायक है l

अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर