चलचित्र में देखे महामाया मंदिर से जल जीवों को बोरे में भर कर ले जाने के खेल
महामाया मंदिर ट्रस्ट में जमा नहीं कराई तीन बोरे में भरे जल-जीवों की कीमत
रतनपुर। बीते 21 दिन में महामाया मंदिर परिसर में जाल में फंसकर मृत कछुओं का आंकड़ा 23 से बढ़कर 27 तक पहुंच गया है। इसके मुख्य दो आरोपी महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, कांग्रेस नेता और ट्रस्ट का सहयोगी ठेकेदार आनंद जायसवाल सहित एक ट्रस्ट कर्मी अब तक फरार है। जिन तक पहुंचने में वन विभाग का अमला और प्रशासन अब तक नाकाम है। गुस्साए नागरिकों ने स्वस्फूर्त शहर बंद कर अपने तीखे विरोध का संदेश भी लोगों तक पहुंचा दिया। इधर महामाया मंदिर ट्रस्ट है कि आरोपियों के संरक्षण में अब तक साथ खड़ी दिखाई दे रही है, जो नागरिकों के गुस्से को भड़काने में घी का काम कर रही।
छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के महामाया मंदिर परिसर रतनपुर स्थित कुंड और इससे सटे कलपेसरा तालाब में जाल में फंसकर मृत मिले कछुओं का आंकड़ा 27 तक पहुंच गया है। महामाया मंदिर कुंड में जाल में फंसकर मृत मिले 23 कछुओं के मामले में रतनपुर वन परिक्षेत्र कार्यालय ने जांच कर महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, कांग्रेस नेता और ट्रस्ट का सहयोगी ठेकेदार आनंद जायसवाल सहित एक ट्रस्ट कर्मी सहित पांच आरोपियों को नामजद किया है। इसमें से वन विभाग ने दो मजदूर मछुआरों को ही गिरफ्तार कर लेने का पुरुषार्थ दिखाया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर के संज्ञान में होने के बाद भी वन अमले ने आरोपियों को फरार होने के अनुकूल अवसर प्रदान किया। अब आरोपियों की पतासाजी की करतब लोगों तक पहुंचाने में जुटी है।

सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद एक आरोपी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर पहुंच गया है। वहीं महामाया मंदिर ट्रस्ट रतनपुर ने बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले को साजिश बताकर निष्पक्ष जांच की मांग कर जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही। जिसका नकाब मामले में आरोपियों के नामजद होते ही उतर गया। मामले में नामजद किए गए महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, सहयोगी ठेकेदार आनंद जायसवाल और ट्रस्ट कर्मी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाएं गए भरोसे को तार-तार कर फरार हो गए।

अब फरार आरोपियों पर अध्यक्ष सहित सभी ट्रस्टियों और सहयोगियों ने चुप्पी साध ली है। मामले में सचमुच में कोई षड्यंत्र रची गई है तो ट्रस्ट को भी कानून और कानूनी कार्रवाई पर भरोसा कर फरार आरोपियों के समर्पण की कोशिश करनी चाहिए। जिससे कि साजिश का पर्दाफाश हो और सच लोगों तक पहुंच सके।
तो क्या तीन बोरे में थे कछुए …

महामाया मंदिर ट्रस्ट में मछली बिक्री से प्राप्त 4892 रुपए 23 मार्च 2025 को जमा कराए गए हैं। जैसा कि महामाया मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के रिकॉर्ड चलचित्र बता रहे कि महामाया कुंड में जाल डालकर चार बोरों में जाल में फंसे जीवों ले जाने भरा गया। जैसा कि दिख रहा एक बाईक में कांग्रेस नेता ट्रस्ट का सहयोगी ठेकेदार आनंद जायसवाल दो भरे बोरे को पीछे सीट पर लटका कर ले गया। वह दो भरे बोरे को बाइक की पीछे की सीट पर लटका कर ले गया। उसके पीछे तालाब पर तैरने के लिए लाए गए दो बड़ी ट्यूब को मजदूर मछुआरा लकड़ी के सहारे कंधे पर लटका कर ले जाता दिखाई दे रहा है।

एक बोरे है आता है तीस से चालीस किलो मछली
जानकारों के मुताबिक रिकॉर्ड चलचित्र में दिख रहे बोरे में तीस से चालीस किलो मछली आ सकते है। छोटी मछलियों हुई तो वजन कम होगा। वहीं बड़ी मछलियां हुई तो वजन चालीस किलो तक पहुंच सकता है। औसत रुप से एक बोरे में पैंतीस किलो जल जीव रहे होंगे तो इन दिनों चल रहे मछली की कीमत के मुताबिक 35×150 = 5250 रुपए होते हैं। चार बोरे में भरे जलजीवों की कीमत करीब 21 हजार रूपए होगी। इधर महामाया मंदिर ट्रस्ट में तो सिर्फ एक बोरे में भरी मछली की कीमत जमा कराई गई है। तीन बोरे कछुओं से भरें थे ? जिसकी राशि पर भी ट्रस्ट के सहयोगी ठेकेदार ने डठी मार दी है। सूत्रों के मुताबिक चोरी छिपे कछुआ पांच सौ रुपए किलो में बिकता है। ऐसे में बाकी के गुणा-भाग आरोपियों को गिरफतार कर वन विभाग को समझानी होगी।
सुरक्षा प्रहरी की छाया कर रहा मौजूदगी की चुगली
23 मार्च के तड़के वीआईपी पार्किंग की ओर से आरोपी लौट रहे थे इसी दौरान मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षा प्रहरी भी गेट पर पहुंचा। जिसका छाया सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में रिकॉर्ड है।