महामाया कुंड में जाल में फंसकर मृत मिले 23 कछुओं का मामला

आरोपी सतीश शर्मा अग्रिम जमानत पर सुनवाई टली

डीएफओ को शपथ पत्र दाखिल करने आदेश

रतनपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर के चीफ जस्टिस ने महामाया कुंड में जाल में फंसकर मृत मिले 23 कछुओं के आरोपी की जमानत पर सुनवाई करते गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि पुजारी भी मर्डर कर सकता है। मजाक बना रखा है, पवित्र स्थान को गंदा बना दिया है। उन्होंने डीएफओ को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश देते हुए सोमवार को अगली सुनवाई तय की है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने बुधवार को महामाया कुंड में जाल में फंसकर मृत मिले 23 कछुओं के मामले की अग्रिम जमानत पर सुनवाई की। आरोपी के वकील के तर्कों पर गंभीर टिप्पणी करते हुए जस्टिस सिन्हा ने कहा पुजारी भी मर्डर कर सकता है। पवित्र स्थान को गंदा बना दिया है। उन्होंने मामले में वन मंडलाधिकारी बिलासपुर को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए जमानत याचिका पर सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी। कोर्ट में नगर पालिका परिषद रतनपुर की ओर से भी अधिवक्ता ने आवेदन प्रस्तुत किया है।

देखिए कार्रवाई की रिकॉर्डिंग

https://youtu.be/njdV5bCcSZA?si=qsLZy0YmyhjBEXIW

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में प्रस्तुत अग्रिम जमानत याचिका पर आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि आवेदक महामाया मंदिर का मुख्य पुजारी है। ट्रस्ट ने डिसाइड किया कि बगल के तालाब की सफाई कराई जाएगी। वहां सफाई हुई। मछुआरों को ट्रस्ट के निर्णय के ठेका दिया गया। सफाई हुई। सफाई के दो दिन बाद मरे हुए कछुएं पाए गए। इस पर फारेस्ट डिपार्टमेंट वालों ने बुलाया। हमने जाकर बयान दर्ज कराया। हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया गया। ट्रायल कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है। इसमें हमारा कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा हमने सो मोटो नोटिस लिया था। आरोपी के वकील ने कहा ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर हैं। मैं उपाध्यक्ष हूं। मैं पुजारी हूं, तालाब की सफाई करने वाले को अंदर आने देना है क्या, कहकर सुरक्षा गार्ड ने पूछा तो मैंने कहा ट्रस्ट का आदेश है उनको आने दो।
कोर्ट ने पूछा और कौन कौन आरोपी हैं इसमें ?
आरोपी के वकील ने कहा और आरोपियों की जानकारी नहीं है।
कोर्ट ने पूछा कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है।
वकील ने कहा एफआईआर की कापी नहीं है।
सरकारी वकील ने बताया आनंद जायसवाल ठेकेदार, अरुण और विष्णु धीवर मछुआरे हैं।
कोर्ट ने फिर पूछा एफआईआर की कापी कहां है ?
सरकारी वकील ने कहा पेज 14 में संलग्न है।
आरोपी के वकील ने कहा मैं पुजारी हूं, 24 घंटे इंचार्ज में रहता हूं, तो मुझसे पूछा गया ताला खोल दूं क्या ? ट्रस्ट ने सफाई करने के लिए कहा है तो ताला खोलने बोल दिया। बाई चांस किसी का मर्डर किए होते या बम ब्लास्ट किए होते तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं होता। किसी न किसी से तो गार्ड पूछेगा कि ताला खोल दूं क्या ?
मैं मुख्य पुजारी हूं, ट्रस्ट ने बोला है सफाई कराना है खोल दो ताला।
कोर्ट ने पूछा उनके पास क्या परमिशन थी?
वकील ने कहा उनको ठेका दिया गया था वे ट्रस्ट से अधिकृत थे।
हाईकोर्ट में नगर पालिका परिषद रतनपुर ने भी आवेदन प्रस्तुत किया। कोर्ट ने उनसे पूछा आप किस हैसियत से खड़ी हुई हैं।
नपाप कि वकील ने कहा मैं नगर पालिका परिषद रतनपुर की ओर से प्रस्तुत हुं। अभी पत्र प्रस्तुत किया है।
कोर्ट ने पूछा एफआईआर आपने लिखाई है।
नपाप के वकील ने कहा नहीं सर।
कोर्ट ने कहा फिर क्या मतलब इस कोर्ट से
नपाप के वकील ने कहा जितने भी तालाब हैं नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आते हैं। जिसमें घटना घटी है, वो मंदिर ट्रस्ट को दिया है। वो मंदिर से लगा हुआ है। उसकी देखरेख उनको ही दे दिया। जितने भी तालाब हैं वो नगर पालिका परिषद में आते हैं।

आरोपी


आरोपी के वकील ने कहा ट्रस्ट में से सिर्फ मुझे आरोपी बनाया गया है।
कोर्ट ने कहा बाकी सब आएंगे। पुजारी भी मर्डर कर सकता है, डोंट वरी फार दैट। पुजारी पुजारी और लेडी लेडी करके बचाव मत करिए। मजाक बना रखा है, पवित्र स्थान को भी गंदा बना दिया है।
कोर्ट ने पूछा इन्ही के खिलाफ एफआईआर क्यों कराई है। फारेस्ट ने लिखाई है एफआईआर।
सरकारी वकील ने बताया गार्ड के कथन के अनुसार।
कोर्ट ने पूछा फारेस्ट के किस आदमी ने एफआईआर कराई। डीएफओ ने लिखाई है। कोर्ट ने डीएफओ को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश देकर सुनवाई अगले सप्ताह सोमवार को करने की बात कही है।