रतनपुर। क्षेत्रीय विधायक कांग्रेस का होते हुए भी नगर पालिका परिषद के लिए हो रहे चुनाव में वार्ड से कांग्रेस को उम्मीद के अनुरूप प्रत्याशी नहीं मिल रहे। विधायक के घोषित प्रतिनिधि जनता के बीच जाने से बच रहे हैं। कांग्रेस से वार्डों के लिए जो नाम सामने आ रहे हैं उनमें ज्यादातर संसाधन में कमजोर हैं। ऐसे में सत्ता के खिलाफ कैसे विरोधियों के मुकाबले आकर चुनौती दे पाएंगे बड़ा सवाल है।
रतनपुर नगर पालिका परिषद चुनाव का शंखनाद हो चुका है। बुधवार से नामांकन पत्रों की बिक्री भी शुरू हो गई है। इधर प्रदेश में सत्ता से बाहर हो चुकी कांग्रेस पार्टी नगर पालिका परिषद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले कहीं खड़ी होती नहीं दिख रही है। कांग्रेस शासन में एल्डरमैन बनकर सत्ता की मलाई खाने वाले नेता दूर दूर तक मैदान में चुनौती देते नहीं दिख रहे हैं। पार्षद पद के दावेदारों के जो नाम सामने आए हैं उनको देखकर कर तो ये बात साबित भी होती है। ऐसे ही हालात विधायक प्रतिनिधियों की भी है। कोटा विधायक के घोषित प्रतिनिधियों के नाम चुनाव लड़ने के दावेदारों के रुप में क्यों सामने या फिर चर्चा में नहीं आ रहे हैं। विधायक ने तो जमीन से जुड़े होने, जनता के सुख-दुख के सहभागी समझ कर ही तो अपना प्रतिनिधि मनोनीत किया होगा। ऐसे में विधायक अटल श्रीवास्तव जमीन से जुड़े अपने मनोनीत प्रतिनिधियों को मैदान पर भाजपा के मुकाबले क्यों नहीं ला पा रहे हैं। ऐसे में मतदाताओं के बीच जो संदेश जा रहा है उससे शहर में कांग्रेस की नैया पार होती नहीं लग रही है।
शह और मात तह करेंगे नतीजे
नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से जो नाम तैर रहे हैं। उनमें नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत खेमें के दावेदारों की बड़ी चुनौती क्षेत्रीय विधायक के सामने है। प्रत्याशी चयन में मंदिर ट्रस्ट की पसंद भी जरूरी मानी जा रही है। विधायक का पूर्व मुख्यमंत्री के खेमे से होना सर्व विदित है। ऐसे में विधायक अध्यक्ष पद सहित किन किन अपनों को चुनाव के मैदान तक ला सकेंगे इसकी भी समीक्षा जानकर कर रहे हैं। लोगों की नजर शह और मात पर है जो चुनाव के नतीजे तय करेंगे।
चार पर ये नया वार
शहर का वार्ड क्रमांक चार के पार्षद का पद अनारक्षित है। इस वार्ड की चर्चा शहर में जमकर है। वो इस लिए कि अनारक्षित इस वार्ड की पार्षद पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से महिला नेत्रियों ने अपनी दावेदारी पेश की है। पुरुष दावेदार के रूप में सिर्फ योगेन्द्र तंबोली का नाम सामने आया है। वहीं कांग्रेस से कई नाम हैं। जिनमें रियाज अहमद खोखर को मजबूत दावेदार माना जा रहा था। वहीं अब जो खबरें तैर रही है उसने पूर्व एल्डरमैन सुभाष अग्रवाल के बेटे सुनील अग्रवाल संटी भी पार्षद पद के लिए मजबूत दावेदार बताया गया है।