कीमत – 140 से 150 रूपए किलो,खपत – 250 किलो हर रोज
बिलासपुर। नियम प्रभावशाली है लेकिन नियंत्रण की कोशिश बेहद ढ़ीली है। यही वजह है कि तम्बाकू रोज की खपत 250 किलो के आसपास जा पहुंची है । इसमें बढ़त के आसार अब बनते नजर आ रहे है क्योंकि शीतऋतु के लिए बाजार ने तैयारी चालू कर दी है ।
चर्चा में है तम्बाकू नियंत्रण के लिए किये जा रहे आयोजन लेकिन बढ़ती खपत, साफ बताती है कि कोटपा एक्ट का नियम मैदान से लगभग बाहर ही है। नियम तो है लेकिन गंभीरता की साथ कार्रवाई का नहीं होना या नहीं किया जाना नियमों को कमजोर बना रहा है। स्कूलों के आस पास चलती हर दुकानों से तम्बाकू या तम्बाकू उत्पाद ख़रीदे और बेचे जा रहे है।
जहाँ मनाही, वहीं खूब
स्कूलों के 100 यार्ड के भीतर विक्रय करने वाली, दुकानें नहीं होना चाहिए । नहीं माने जाते यह नियम । ऐसी ही जगहों पर सबसे ज्यादा विक्रय करने वाली दुकानें हैं । कार्रवाई होती हुई कभी देखी नहीं गई। स्कूल प्रमुखों को सूचना देने के निर्देश हैं लेकिन पालन को लेकर गंभीरता का अभाव देखा जा रहा है। इसलिए यह काम नित नए अंदाज में बढ़ रहा है।

मानने से इंकार
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यकम के अन्तर्गत तम्बाकू या तम्बाकू उत्पाद के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध है। विक्रय करने वाले काउंटर पर 60 गुणा45 सेंटीमीटर के आकार में बोर्ड का लगाया जाना आवश्यक है, इसमें तम्बाकू के सेवन से होने वाली हानि की जानकारी लिखित में होती है। 90 प्रतिशत संस्थानों में ऐसे सावधानी सूचक बोर्ड या जानकारी नहीं मिलती ।
बंदिश फिर भी
कोटपा एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिग को तम्बाकू और तम्बाकू उत्पाद का विक्रय नहीं किया जाना हैं लेकिन दुकानें इस नियम को भी मानने से इंकार कर रहीं हैं। कुल दैनिक उपभोक्ताओ में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी इसी उम्र वर्ग के उपभोक्ता रखते हैं l अर्थदंड और कैद के नियम हैं लेकिन बेखोफ होकर यह काम भी किया जा रहा है।

बढ़ रही कीमत, बढ़ रही खपत
गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश और कर्नाटक । इसमें गुजरात प्रथम स्थान पर हैं । सीजन की तैयारी कर रहे बाजार में इस समय चौतरफा मांग निकली हुई है। इसलिए खैनी और गुटखा में उपयोग किया जाने वाला तम्बाकू 140 से 150 रूपए किलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है। बीड़ी के लिए जो तम्बाकू बेची जा रही हैं उसकी कीमत 150 से 160 रूपए किलो बोली जा रही हैं । तेजी के बावजूद लगभग 250 किलोग्राम की खपत रोज की बताई जा रही है ।