बिलासपुर। हैंडपंप से निकल रहे प्रदूषित पानी पीने से ग्रामीण डायरिया के शिकार हो गए, स्वास्थ्य विभाग को दो दिन बाद इसकी जानकारी मिली, इसके बाद अमला सक्रिय हुआ। बुधवार को गांव के 15 डायरिया पीड़ित मरीजों की हालत बिगड़ने पर 10 को मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र व 5 मरीजों को सिम्स व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मस्तूरी ब्लाक के सरसेनी गाँव निवासी ग्रामीण बुधवार की सुबह मस्तूरी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे, उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत थी, उनका इलाज किया गया, अस्पताल में पहले से ही गाँव के 10 डायरिया से पीड़ित स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे थे, जिन्हें डाक्टरों ने दवा देकर घर भेज दिया था। बुधवार पहुंचें मरीजों की स्थिति गंभीर थी, जिनमें से 5 लोगों को सिम्स, जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप है, लेकिन स्वास्थ्य महकमा नींद में है। ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपंप से इस साल प्रदूषित पानी निकल रहा है, जिसकी शिकायत पीएचई और जनप्रतिनिधियों से की गई है, लेकिन इसके बाद भी हैंडपंप में सुधार नहीं किया गया है, वहीं गांव में पानी के लिए एक मात्र सहारा हैंडपंप ही है, ऐसे में लोगों को मजबूरन यहां का पानी पीना पड़ रहा है। गुरूवार को मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीजों में विकास बर्मन, आदित्य मरकाम, दुरपति कैवर्त, शीतल कुमार कैवर्त, ज्योति मरावी, सिया बाई, आरव मरकाम शामिल हैं।

बीएमओ ने अफसरों को नहीं दी जानकारी

बीएमओ नन्दराज कंवर डायरिया फैलने की जानकारी थी, उन्होंने दो दिन बाद स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ को जानकारी दी। जिसके बाद स्वस्थ्य विभाग के कहने पर पीएचई विभाग ने सबसे पहले हैंडपंप में क्लोरिन की दवाई डालने के बाद उसे बंद कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों का इलाज कर रही है।

सीएमएचओ बोले- पानी की होगी जांच

सीएमएचओ प्रमोद महाजन ने बताया कि गुरुवार की दोपहर को इसकी जानकारी मिली है, स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया। हैंड पंप को बंद कर दिया है अन्य पंपों में क्लेारिन की दवा डलवाई गई है। टीम भेजकर पानी की जांच की जाएगी। जिला और सिम्स में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है।