बिलासपुर। सिम्स के नेत्र रोग विभाग में प्रतिदिन 150 मरीज इलाज कराने आते हैं, इनमें से 10 से 15 मरीज प्रतिदिन ऐसे होते हैं जिन्हें रेटिना संबंधी बीमारी होती है, इसके पूर्व रेटिना संबंधित बीमारियों का निदान एवं उपचार संभव नहीं हो सका था, निदान एवं उपचार में काम आने वाली मशीन महंगे थे, गुरुवार को नेत्र रोग विभाग में रेटिना लेजर मशीन और फंडस कैमरा का इंस्टाल किया गया. नेत्र रोग विभाग का तकरीबन 70 लाख रुपए की लागत से उन्नयन किया गया।
उन्नयन पश्चात अब नेत्र रोग विभाग में रेटिना संबंधित सभी बीमारियों का निदान एवं उपचार संभव हो सकेगा, डायबिटिक रेटिनोपैथी हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी ,रेटीना ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का भी निदान एवं उपचार हो सकेगा, उद्घाटन समारोह में सिम्स के अधिष्ठाता डॉ के के सहारे, चिकित्सा अधीक्षक डॉ नीरज शेंडे, चिकित्सा उपअधीक्षक डॉ चंद्रहास ध्रुव, नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मीता श्रीवास्तव, डॉ सुचिता सिंह, एवं नेत्र रोग विभाग के अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी उपस्थित रहे।