कोटा विकासखंड के गौठानो में किया सब्जियों व चारा के बीज का वितरण
वर्मी कंपोस्ट एनरिचमेंट का दिया जीवंत प्रशिक्षण
बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर का आयोजन
बिलासपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अक्षय तृतीया अक्ती तिहार के तहत छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी गांव योजना के अंतर्गत स्थापित बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के शिवतराई, मजगांव, झिंगटपूर एवं नेवरा गौठान में को बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र,बिलासपुर के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. टी.डी. पांडे के नेतृत्व में कृषि वैज्ञानिक संजय कुमार वर्मा, अजीत विलियम्स, प्रमेंद्र कुमार केसरी, दिनेश पांडे, अजय टेगर, अर्चना केरकट्टा, विनोद निर्मलकर एवं दीपक श्रीवास्तव ने कृषको, गौठान समिति एवं स्व-सहायता समूह के सदस्यों को सब्जियों की उन्नतशील किस्मों एवं चारा फसल के बीजों का वितरण, कृषक प्रशिक्षण व कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया ।
डॉ. टी.डी. पांडे ने हरे चारे के महत्व एवं साल भर हरे चारे के उत्पादन हेतु फसल चक्र; संजय कुमार वर्मा ने सब्जियों की उन्नतशील किस्में एवं उत्पादन तकनीक; अजीत विलियम्स ने कृषि वानिकी के महत्व एवं उपयोगिता; प्रमेंद्र कुमार केसरी ने जैव उर्वरकों के महत्व; दिनेश पांडे ने खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों;अजय टेगर ने वायदा बाजार से किसानों को लाभ; अर्चना केरकट्टा ने खरीफ फसलों के प्रमुख कीट एवं प्रबंधन तथा विनोद निर्मलकर ने खरीफ फसलों के प्रमुख रोग एवं प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण दिया।
वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार केसरी व विनोद निर्मलकर ने जीवंत प्रशिक्षण में गौठान समिति के सदस्यों को गौठान में उत्पादित 1 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का जैव उर्वरकों के द्वारा समृद्ध बनाने व डीकंपोजर मल्टीप्लिकेशन का प्रशिक्षण दिया।
विदित हो कि गौठानो में निर्मित जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट में पोषक तत्वों की मात्रा प्राकृतिक रूप से बढ़ाने एवं रासायनिक उर्वरता को कम करने हेतु कृषि महाविद्यालय के अंतर्गत राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला चोरभट्टी में प्रभावी मित्र सूक्ष्मजीवों युक्त तरल जैविक कल्चर तैयार किया गया है जिसके उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी साथ ही रासायनिक खाद की उपलब्धता में कमी आएगी । आयोजन में कोटा विकासखंड के लगभग 200 कृषको ने अपनी सहभागिता की। कार्यक्रम डॉ. आर. के. एस. तिवारी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर के मार्गदर्शन में हुआ।