फूड एंड सेफ्टी का छह दिवसीय कैंप संपन्न
प्रोसेसिंग फीस मुक्त शिविर में मिले 1063 आवेदन
बलौदाबाजार। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के छह दिवसीय कैंप को जिले के 4 ब्लॉक में जबरदस्त सफलता मिली है। पलारी जैसे छोटे विकासखंड ने 355 आवेदन देकर प्रशासन को हैरत में डाल दिया, तो जिला मुख्यालय से मिले 451 आवेदन ने यह बात साफ कर दी है कि स्वच्छ कारोबार में प्रशासन को पूरा सहयोग मिलेगा।
खाद्य एवं पेय पदार्थ के कारोबारी संस्थानों को सहजता के साथ पंजीयन एवं अनुज्ञप्ति की उपलब्धता के लिए, मुख्यालय के आदेश के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जिले के ब्लॉक मुख्यालयों में 23 से 29 मार्च के बीच विशेष शिविर का आयोजन किया था। इस शिविर को जैसा प्रतिसाद मिला, उसे देखकर प्रशासन हैरत में है। उम्मीद से ज्यादा 1063 आवेदन मिले। इनमें से अधिकांश को फौरन पंजीयन एवं अनुज्ञप्ति नंबर जारी कर दिए गए। बिना कोई अतिरिक्त शुल्क के साथ आयोजित इस शिविर ने व्यापारियों को आकर्षित किया। व्यापारी संघ बलौदा बाजार, पलारी, कसडोल और बिलाईगढ़ ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इसी तरह के शिविर हर साल लगाए जाएं।
पंजीयन और अनुज्ञप्ति के लिए मिले 355 आवेदन
खाद्य कारोबार के लिहाज से पलारी विकासखंड जिले में अहम स्थान रखता है। इस छोटे से विकासखंड के खाद्य कारोबारियों ने पंजीयन एवं अनुज्ञप्ति के लिए 355 आवेदन देकर प्रशासन का हौसला बढ़ा दिया। यहां खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम उस समय हैरत में आ गई, जब गुपचुप और चाट ठेला जैसे बेहद छोटे से कारोबार ने उत्साह के साथ पंजीयन नंबर के लिए आवेदन दिया।
मेहनत रंग लाई बिलाईगढ़ में
आबादी और कारोबार के लिहाज से बिलाईगढ़ विकासखंड छोटा क्षेत्र है लेकिन वैध और स्वच्छ कारोबार के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मेहनत 24 मार्च को तब रंग लाई, जब 117 आवेदन मिले। यहां भी छोटे कारोबारियों की हिस्सेदारी सर्वाधिक रही। प्रशासन इसके पीछे कारोबार के बढ़ते विश्वास को ही प्रमुख वजह मान रहा है।
कसडोल में भरोसा
खाद्य एवं औषधि प्रशासन का पहला कैंप 23 मार्च को कसडोल में लगा। 1 दिन के इस शिविर में सुबह जैसा रुझान मिला वह अंत तक बना रहा। 140 आवेदन देकर इस विकास खंड के खाद्य कारोबारियों ने स्पष्ट कर दिया कि नियमों के मुताबिक स्वच्छ कारोबार में प्रशासन को पूरा सहयोग दिया जाएगा।
मान रखा इस विकासखंड ने
बलौदा बाजार विकासखंड ने रिकॉर्ड 451 आवेदन देकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन का मान बढ़ा दिया है। पंजीयन एवं अनुज्ञप्ति के लिए दिए जा रहे इन आवेदनों पर प्रशासन की टीम ने त्वरित कार्यवाही की और अधिकांश को फौरन यह सुविधा दे दी गई। बताते चलें कि जिला मुख्यालय होने के नाते इस विकासखंड में 27 और 28 मार्च को 2 दिन यह कैंप लगाया गया था।
पहली बार चाट और गुपचुप
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के इस कैंप में पहली बार चाट और गुपचुप बेचने वाले कारोबार ने जैसा रुझान दिखाया, वह निश्चित ही अन्य जिलों के लिए सीख बन सकती है। इसी तरह छोटे दुकानदारों ने जो उत्साह दिखाया, वह ऐसे शहरों के लिए सबक ही है, जहां इस जरूरी काम से बचने के रास्ते खोजे जाते हैं और जांच में पकड़े भी जाते हैं।
गुड परफॉर्मेंस
प्रोसेसिंग फीस से मुक्त, पंजीयन एवं अनुज्ञप्ति के लिए लगाए गए इस शिविर को मिली सफलता निश्चित ही काबिले तारीफ है। कमजोर प्रदर्शन वाले क्षेत्र की समीक्षा की योजना है।
- डॉ. आर के शुक्ला, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर