बादल और बारिश की आशंका
भाजी की फसल को सबसे ज्यादा हानि
बिलासपुर। मौसम में बदलाव की आहट से किसान चिंता में आ चुका है, तो प्याज के आंसू निकलने को है। टमाटर की परिपक्वता में शीघ्रता देखी जाएगी और भाजियों की फसल चौपट हो सकती है। कुल मिलाकर बदलाव के आने वाले दिन विनाशकारी साबित हो सकते हैं।
12 जनवरी तक के लिए मौसम वैज्ञानिकों ने जो पूर्वानुमान जारी किए हैं, उसके बाद सब्जी उत्पादक किसानों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। इसके पहले आए बदलाव से नुकसान उठा चुके किसानों ने किसी तरह दूसरी बोनी की थी। यह अब तैयार होने वाली है। इस बीच फिर मौसम बदलने के साथ, बादल, ओले, बारिश के पूर्वानुमान से यह किसान चिंता में आने लगा है।
ऐसा है पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 12 जनवरी तक मौसम में कुछ परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं। इसके अनुसार बादल, आंधी, ओला और बारिश के आसार बन रहे हैं। उद्यानिकी फसलों को नुकसान की आशंका है। गेहूं के लिए लाभ, तो दलहन- तिलहन को आंशिक नुकसान संभावित है।
चिंता में आलू और प्याज
सब्जी वैज्ञानिकों के अनुसार आलू और प्याज की फसल को, मौसम में आ रहा यह बदलाव नुकसान पहुंचा सकता है। यह कई रूप में दिखाई दे सकता है। मतलब कीट प्रकोप या गलन की प्रक्रिया के रूप में देखने में आ सकती है। बताते चलें कि अपने प्रदेश में मैनपाट और मुंगेली जिले के एक बड़े रकबे में इसकी फसल ली गई है.
जल्द पकेगा टमाटर
मौसम और तापमान का सब्जी फसलों में सबसे ज्यादा असर टमाटर पर होता है। बेहद संवेदनशील, टमाटर की फसल को बारिश नुकसान पहुंचाएगा। परिपक्वता अवधि कम होगी,और इसकी वजह से यह जल्द तैयार होगा लेकिन गुणवत्ता निम्न होने की आशंका बन सकती है।
तबाह होंगी भाजियां
वैसे शीत ऋतु को भाजी की फसल के लिए सर्वोत्तम माना गया है लेकिन यदि बारिश हुई तो फफूंद के प्रकोप का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसके पहले भी हुई बारिश के बाद आ रही भाजी की फसलों में सफेद दाग जैसे निशान इसे प्रमाणित भी कर रहे हैं। आ रहा बदलाव, तैयार हो रही भाजी की फसल के लिए तबाही का संदेश दे रही है।हैं
करनी होगी तीसरी बोनी
सब्जी वैज्ञानिकों ने मौसम में संभावित बदलाव को देखते हुए सलाह दी है कि किसान विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तीसरी बोनी की तैयारी करें। इसमें प्रजाति चयन का भी ध्यान रखें। बता दें कि दो बार बोनी के बाद सब्जी उत्पादक किसान आर्थिक संकट में हैं।
आलू और प्याज के लिए, मौसम में आने वाला परिवर्तन संकट का दिन होगा। टमाटर जल्द पकेगा तो भाजियों की फसल को भारी नुकसान की आशंका है।
- डॉ अमित दीक्षित,डीन, कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, सांकरा