खेखसी की इस प्रजाति में मिले कई बीमारियों पर नियंत्रण के गुण
रायपुर। कंटोला। खेखसी परिवार का यह सदस्य बाजार में खूब ताकत दिखा रहा है, यह ताकत मिलती है उन 12 बेहद अनमोल मेडिशनल प्रॉपर्टीज से, जो एक साथ 17 बीमारियों पर लगाम लगाए रखते हैं।
कोरोना के पहले और दूसरे दौर में इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाली खाद्य सामग्रियों की मांग भरपूर रही। दवाइयां तो अभी भी खरीदी जा रही हैं। सामान्य होती दिनचर्या के बीच महामारी से बचाव के लिए ऐसी खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जा रही है, जिनकी मदद से शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखा जा सकता है। लिहाजा एक बार फिर सब्जी की ऐसी प्रजाति की मांग बढ़त ले रही है, जिसमें सेहत को बनाए रखने के सारे गुण हैं। ऐसे में कंटोला मुस्कुराने लगा है क्योंकि मांगे जा रहे सभी गुण इसमें है।
भरपूर प्रोटीन और जिंक
प्रारंभिक अनुसंधान में कंटोला में प्रोटीन और जिंक की भरपूर मात्रा का होना पाया गया है। इसके अलावा आयरन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर और पोटेशियम की मौजूदगी के भी प्रमाण मिले हैं। सोडियम के साथ विटामिन बी सी और डी के लगभग सभी ग्रेड के होने की जानकारी सामने आई है।
यह बीमारियां होंगी नियंत्रण में
खेखसी परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य, कंटोला में मिले खनिज और औषधीय गुणों की मदद से, ब्लड प्रेशर, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों पर नियंत्रण रखा जा सकता है, तो सर्पदंश के बाद होने वाले नुकसान से बचाव में भी सहायक माना गया है। कंटोला लकवा, पीलिया, पाइल्स, बेहोशी, ज्वर, पेट का संक्रमण खत्म करने में मददगार है। सिर दर्द, कान दर्द, खांसी और खुजली जैसी बीमारियों की रोकथाम इसके सेवन से की जा सकती है।
ऐसा है बाजार
सीमित रकबे में ली जाने वाली कंटोला की फसल, जैसे ही बाजार में आती है हाथों-हाथ लिया जाता है। बाजार सूत्रों की मानें तो इस समय मांग की तुलना में कंटोला की उपलब्धता लगभग 40 फ़ीसदी ही है। इसलिए भाव 120 रुपए से 150 रुपए किलो पर चल रहे हैं।
होते हैं मेडिशनल प्रॉपर्टीज
खेखसी परिवार का सदस्य कंटोला में भरपूर मेडिशनल प्रॉपर्टीज होते हैं। जिनकी मदद से कई तरह की बीमारियों को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
- डॉ जितेंद्र सिंह, प्रोफेसर एंड हेड, वेजिटेबल साइंस, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, रायपुर