कोन मिलाईश उजर चाऊर म गोटी
बिलासपुर। हेडिंग पढ़ कर चौंकिए नहीं। ये सोलह आने खरा सच है। भरोसा न हो तो शासन राज्य मेडिकल बोर्ड रायपुर से भैरा होने संबंधी जांच करा लें। संभव है जो दिख रहा है वो कागज में भी सच साबित हो जाए। इधर सिस्टम और सरकार इस पर बारह साल से सूरदास बना हुआ है।
साल 2013 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर ने सीधी भर्ती से व्याख्याता भर्ती की थी। इसमें बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक के गांव के एक आवेदक की सीधी भर्ती तत्कालीन समय में की गई थी। आवेदक ने अपने शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ 48 फीसदी बधिर दिव्यांग होने का जिला मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र भी संलग्न किया गया था। संभव है कि जिला मेडिकल बोर्ड बिलासपुर से जारी प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जमा किया गया है तो नियुक्ति भी दिव्यांग कोटे से ही हुई हो, ये जांच में खुलासा हो सकेगा। कुछ अरसा कोरिया जिले के स्कूल में शैक्षणिक कार्य कराने के बाद व्याख्याता का तबादला शासन के निर्देश पर बिलासपुर जिले के रतनपुर के एक स्कूल में स्कूल में हो गया। जहां वो इन दिनों पदस्थ है।
अब तक किसी को खबर नहीं …
व्याख्याता जिस स्कूल में पदस्थ हैं वहां उसके साथ पदस्थ अन्य शिक्षकों को आज तक इस बात की भनक नहीं लग सकी है कि उनका कोई कुलीक ‘भैरा’ है ? स्कूल में किसी शिक्षक के बधिर दिव्यांग होने की बात पर ही चौक जाते हैं। कुछ ऐसे ही अनुभव उनके पढ़ाए शागिर्द बताते हैं। किसी को पता ही नहीं कि उनके स्कूल का कोई गुरुजी ‘भैरा’ है। कक्षा में किसी के सवाल करने पर अनसुनी कर देने जैसी कोई मामला स्कूल हुआ।
ऐसा भी इत्तेफाक ….
व्याख्याता ने सीधी भर्ती में बीएड डिग्री की मार्कशीट जो पं. सुंदरलाल शर्मा ( मुक्त ) विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर परीक्षा वर्ष 2010-2011 और 2011-12 में जारी किया गया है, को संलग्न किया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी बीएड प्रथम वर्ष की मार्कशीट का रोल 1210325 और द्वितीय वर्ष के मार्क सीट का रोल नंबर भी 1210325 ही है। सामान्यतः परीक्षा पूर्ण होने के बाद शिक्षण सत्र की समाप्ति से पहले परीक्षा फल जारी कर मार्कशीट जारी किया जाता है। वहीं प्रस्तुत बीएड डिग्री के प्रथम वर्ष की मार्कशीट 19 अप्रैल 2012 को जारी हुआ है और द्वितीय वर्ष की मार्कशीट 11 अपैल 2012 को सात दिन पहले जारी किया गया है।