दो अलग-अलग जारी सूचियों में हुआ ये चमत्कार

जिला शिक्षा अधिकारी आफिस में की गई शिकायत

बिलासपुर। जिले के दो ब्लॉक में अरसे से पदस्थ 17 दिव्यांग शिक्षक चार महीने में ही चंगे हो गए हैं। ये चमत्कार विज्ञान का है ? या फिर बलात्कार विभाग का ? इसकी जांच जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे ? इसके लिए जिला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ में अर्जी पेश की गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर छत्तीसगढ़ के अधिनस्थ बिल्हा और तखतपुर ब्लॉक के 17 दिव्यांग शिक्षकों को दिव्यांग भत्ता की सूची से विलोपित कर दिया गया है। कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने पत्र क्रमांक प्रेषित कर 23 सितंबर 2024 को दिव्यांग भत्ता प्राप्त शिक्षकों की सूची दी थी, उसमें 85 शिक्षकों को दिव्यांग भत्ता प्राप्त होने की जानकारी है। इसके ठीक 93 दिन बाद कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा जिला बिलासपुर ने 26 दिसम्बर 2024 को एक और पत्र प्रेषित की है इसमें 82 शिक्षकों को दिव्यांग भत्ता मिलने की जानकारी दी है।  

ठीक इसी तरह कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर जिला बिलासपुर ने पत्र प्रेषित कर 14 नवंबर 2024 को दिव्यांग भत्ता प्राप्त शिक्षकों की सूची प्रेषित की। उसमें 37 शिक्षकों को दिव्यांग भत्ता प्राप्त होने की जानकारी दी है। इसके ठीक 52 दिन बाद कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर जिला बिलासपुर ने पत्र भेजकर 06 जनवरी 2025 को प्रेषित कर 23 शिक्षकों को दिव्यांग भत्ता मिलने की जानकारी दी है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि 52 और 93 दिन के भीतर कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर जिला बिलासपुर दिव्यांग भत्ता प्राप्त शिक्षकों की सूची से 14 शिक्षकों के नाम विलोपित कैसे हो गए ?

कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर में मामले की शिकायत कर शिक्षकों का अन्यत्र तबादला होने, असामयिक देहावसान, शिक्षकों  के पूरी तरह स्वस्थ हो जाने, किसी विसंगतियों को छिपाने सूची देने में अनियमितता करने की जांच कर,  विलोपित शिक्षक अभी कहां और कब से पदस्थ हैं उनकी प्रथम पदस्थापना कहां हुई थी की जानकारी जुटाकर मामले की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है। इसके साथ ही बिल्हा ब्लॉक में दिव्यांग भत्ता प्राप्त कर रहे शिक्षकों के जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की उच्च स्तरीय जांच कर और जारी संस्थानों से भौतिक सत्यापन कराने कानून सम्मत उचित पहल कर संभावित अनियमितताओं और गड़बड़ियां का खुलासा करने की मांग उठाई गई है।