उत्तप्रेरक और कार्बनिक खाद का किया था छिड़काव, नहीं हुआ फायदा

किसान कहां करें शिकायत, कि जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई

बिलासपुर। परिणाम शून्य। शिकायत कहां और किससे करें? उत्तप्रेरक एवं जैविक खाद का उपयोग कर चुके किसान यह सवाल इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि अधिकारियों की सलाह पर ही खरीदी और छिड़काव किया था। सलाह जिनकी मानी थी वह अब किनारा कर रहे हैं।

नेटवर्किंग मार्केटिंग के जरिए किसानों तक उत्तप्रेरक एवं कार्बनिक खाद जिम्मेदारों की मदद से पहुंच रही है। गुणवत्ता पर सवाल इसलिए उठाए जा रहे हैं क्योंकि जैसा बताया गया था, वैसा परिणाम नजर नहीं आ रहा है और कीमत भी बाजार में उपलद्ध सामग्री से कही ज्यादा अधिक है । पछता रहे हैं उपयोग करने वाले किसान क्योंकि सलाह देने वालों ने किनारा करना चालू कर दिया है।


अब पछता रहे

नेटवर्किंग मार्केटिंग का दौर है। किसानों का भरोसा, खेती किसानी के काम में आने वाली सामग्री की खरीदी, परिचित संस्थानों पर ही होता है लेकिन जब विभाग के अधिकारी कह रहे हों और खुद उपलब्धता भी सुनिश्चित कर रहे हैं, तो शंका की गुंजाइश नहीं थी। इसलिए बताई गई मात्रा के अनुसार खरीदी की और छिड़काव किया। अब ना बढ़वार नजर आ रहा है, ना अन्य ऐसे लाभ, जो बताए थे अधिकारियों ने।
पड़ोसी भी कर रहे शिकायत

बलौदा बाजार-भाटापारा। पड़ोसी जिला है। यहां के किसान भी ऐसी ही शिकायत कर रहे हैं क्योंकि किसानों तक ठीक इसी पैटर्न पर उत्तप्रेरक एवं कार्बनिक खाद पहुंचाई गई है। प्रमोट करने वाले दिलासा दे रहे हैं कि समय है, परिणाम अच्छे रूप में देखा जाएगा। लेकिन ठोस जवाब नहीं मिलता देखकर अब शिकायत करने का विचार है, पर कौन सुनेगा ? यह इसलिए क्योंकि प्रमोट और शिकायत सुनने वाला एक ही शख्स है।


चलती-फिरती दुकान कैसे ?

उर्वरक बेचने के लिए कड़े नियम है लेकिन उत्तप्रेरक और कार्बनिक खाद बेचने वाले इसे अस्वीकार कर रहे हैं। घूम-घूम कर उत्तप्रेरक एवं कार्बनिक खाद बेचने वालों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि निगरानी और कार्रवाई, नियंत्रण की सीमा से बाहर है। सवाल तब संदेह में नजर आता है, जब संबंधित विभाग खुद ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा हो। कैसे करें अपनी समस्या का निदान ?