इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का 38 वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया
कृषक प्रशिक्षण व संगोष्ठी आयोजित
बिलासपुर। विश्वविद्यालय ने अनुसंधान व कृषि शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति कर सफलता के नए सोपान स्थापित किए हैं। भारत में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। कृषकों की आय काम मुख्य साधन खेती है। कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आदिवासी बहुत क्षेत्र के युवाओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। देश के युवाओं को कृषि के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करना तथा उन्हें इस क्षेत्र में बनाए रखना आज समय की मांग है। यह बात मुख्य अतिथि पूर्व अधिष्ठाता डॉ.सी. आर. गुप्ता ने कही।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38 वें स्थापना दिवस के अवसर पर बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र में कृषक प्रशिक्षण एवं संगोष्ठी आयोजित किया गया। अधिष्ठाता डॉ.आर.के.एस. तिवारी ने कहा कृषि के क्षेत्र में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर का देश में सराहनीय योगदान रहा है। जो कृषि क्षेत्र, शिक्षा और अनुसंधान के विकास में योगदान कर रहा है। नवोन्वेषी उन्नत तकनीको के माध्यम से अनेको कार्यों को संपादित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य की आर्थिक समृद्धि और विकास में कृषि और कृषि विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है।
विशिष्ट अतिथि मनोज कुमार चौहान, संयुक्त संचालक कृषि, बिलासपुर संभाग व पी.डी. हतेश्वर, उपसंचालक कृषि बिलासपुर ने भी कृषकों को संबोधित किया। एक दिवसीय कृषक संगोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को व्याख्यान के माध्यम से नवीन कृषि तकनीक से अवगत कराया।

नवोन्वेषी स्टार्टअप की जानकारी
ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने हेतु कृषि स्टार्टअप विषय पर “नवोन्वेषी स्टार्टअप” की प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें छात्र धर्मेंद्र कुमार पटेल, अमृता शर्मा व डोरिस बंजारे ने प्रस्तुति दी । जीवंत प्रदर्शन द्वारा जिले के कृषकों को कृषि की नई तकनीक से अवगत कराया।

सेवानिवृत्ति कर्मचारियों का सम्मान
सेवानिवृत्ति कर्मचारी के.पी. तिवारी, शिव कुमार शर्मा, सेवक राम वर्मा, जे.पी. यादव, ए.पी. गोस्वामी व अंकलहिन बाई लोधी को सम्मानित किया। एल्यूमिनी शशांक शिंदे, सुमित साहू, शशि भूषण सोनी व तरुण साहू का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स एवं आभार वैज्ञानिक अमित शुक्ला ने किया। इस मौके पर प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।