सेल्समैन पहुँच रहे शिक्षकों के घर तक
प्रोजेक्ट बुक और सभी विषयों की गाइड एक साथ
बिलासपुर। सैंपल के साथ प्रोजेक्ट बुक की भी गाइड। एक ही पैटर्न पर चल रहे गाइड के बाजार में यह नया बदलाव बच्चों और शिक्षकों में खूब पसंद किया जा रहा है। इसलिए खरीदी और बिक्री के आंकड़े बढ़ रहे हैं।
सालाना परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान हो चुका है। स्कूलों और छात्रों ने तैयारी चालू कर दी है। इधर गाइड और कुंजी बनाने वाली प्रकाशन कंपनियां ना केवल तैयार हो चुकीं हैं बल्कि सभी विषयों की सामग्रियां दुकानों से होती हुई स्कूलों और छात्रों तक पहुंचने लगी हैं। नया बदलाव इस बार यह देखा जा रहा है कि हर शिक्षक और छात्र तक पहुंच कर सेल्समैन इसका सैंपल दे रहे हैं। सफलता भी मिलती नजर आ रही है।
पहुंच रहे सैंपल के साथ
महामारी के दौर से उबर रही शिक्षण व्यवस्था अभी तक पटरी पर लौट नहीं पाई है। इसलिए गाइड की डिमांड बनी हुई है। प्रतिस्पर्धा इस क्षेत्र में भी इतनी ज्यादा है कि प्रकाशन कंपनियां सैंपल के साथ शिक्षक और छात्र तक पहुंच रहीं हैं। पहली बार यह बदलाव इस बात को साबित कर रहा है कि यह क्षेत्र भी व्यवसायीकरण से अछूता नहीं रह गया है।

यह गाईड पहली बार
सामान्य प्रैक्टिकल कॉपी अब नहीं खरीदी जा रही है क्योंकि प्रकाशन कंपनियों ने प्रोजेक्ट बुक भी गाइड के रूप में उपलब्ध करवा दिया है। इसे बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। शिक्षण संस्थानों से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। टीचर और स्टूडेंट भी प्रोजेक्ट बुक की गाइड को हाथों-हाथ ले रहे हैं।
सभी विषय
कुछ ही विषय के होते थे गाइड। यह भी शायद पहली बार होगा कि सभी विषयों की गाइड प्रकाशन कंपनियों ने प्रकाशित कर दी है। इसे नए परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है। खबरों के मुताबिक इसे भी बेहतर परिणाम मिल रहा है क्योंकि अध्ययन-अध्यापन का स्तर वैसा नहीं आ पाया है, जैसा होना चाहिए।
कीमत यहां भी बढ़ी
कागज उत्पादन के लिए जरुरी पल्प नहीं मिलने से प्रकाशन कंपनियों को महंगे में कागज की खरीदी करनी पड़ी। इसकी वजह से गाइड की कीमत में 30 से 40 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। इसलिए छात्रों को जरूरत वाले विषयों की गाइड की खरीदी करना महंगा पड़ेगा।
प्रोजेक्ट बुक की गाइड और सैंपल नया बदलाव है। पल्प आयात बंद होने से कीमतें 30 से 40 प्रतिशत बढ़ी हुई है।
- हिमांशु मिश्रा, संचालक, महावीर पुस्तकालय, बिलासपुर