रैली, जुलूस और आयोजन को लेकर प्रशासन का मौन



बलौदाबाजार। ओमीक्रॉन सबवैरिएंट बी एफ-7 के 3 मरीज। सतर्क और सावधान रहने की जरूरत। केंद्र की एडवाइजरी जारी होने के बाद जिले में एक बार फिर से मास्क अनिवार्य किया जा चुका है भीड़ वाली जगहों पर लेकिन हो रहे तमाम तरह के आयोजनों के बाद पूछा जाने लगा है कि कब सतर्क होंगे हम ?

बंदिश का दौर खत्म होने के बाद ओमीक्रॉन का यह सबवेरिएंट जिस तरह फैलाव ले रहा है, उसके बाद केंद्र की एडवाइजरी सभी प्रदेशों के लिए जारी की जा चुकी है। अपने जिले में भी इसे लागू कर दिया गया है। बंदिश और सख्ती तो नहीं लेकिन भीड़ वाली जगहों पर मास्क और सैनिटाइजर की अनिवार्यता प्रभावी की जा चुकी है लेकिन लापरवाही आम जनता के साथ-साथ प्रशासनिक महकमा में भी देखी जा रही है, जहां मास्क नजर नहीं आ रहे हैं। सैनिटाइजर को तो भूला ही दिया गया है।

यहां बिल्कुल नहीं

रैली, जुलूस, यात्रा जैसे आयोजन खूब हो रहे हैं लेकिन एडवाइजरी यहां महत्व नहीं रखती। यही वजह है कि मास्क हर चेहरे से लगभग गायब है। जो लोग पहन रहे हैं, उनमें लापरवाही अलग तरह की देखी जा रही है। इसी तरह सैनिटाइजर का उपयोग पूरी तरह बंद हो चुका है। दुकानों में भी उपलब्धता नहीं है।

निगरानी जरा भी नहीं

शादी-ब्याह और पार्टियों के दिन चालू हो चुके हैं। लगता है, सब भूल गए हैं तभी तो यहां हर चेहरा खुला हुआ नजर आ रहा है। एडवाइजरी की बात की जाए, तो यहां भी यह समान रूप से प्रभावी है लेकिन जिन पर पालन करवाने की जिम्मेदारी है, उनमें इच्छाशक्ति का अभाव साफ नजर आता है क्योंकि इनके लिए भी एडवाइजरी मायने नहीं रखती।

खतरा यहां ज्यादा

राजनीतिक गतिविधियां खूब चल रहीं हैं। ऐसे काम भी हो रहे हैं, जहां भीड़ सबसे ज्यादा होती है। दिलचस्प यह की शासन
और प्रशासन खुद की भी इस काम में जमकर भागीदारी है लेकिन यह दोनोंं जिस तरह केंद्र की एडवाइजरी की अनदेखी कर रहे हैं, उससे कई तरह के सवाल उठ रहें हैं और खतरे की आशंका बन रही है।


ओमीक्रॉन सब वेरिएंट बी एफ-7 को लेकर केंद्र की एडवाइजरी मिल गई है। जिले में तत्काल प्रभाव से लागू किया जा चुका है।
– रजत बंसल, कलेक्टर, बलौदा बाजार