हरेली पर बर्जेस अंग्रेजी शाला में रंगारंग कार्यक्रम

बिलासपुर । “छत्तीसगढ के प्रथम तिहार हरेली हमर छत्तीसगढ के संस्कृति के पहचान हे ई तिहार हमर धरोहर हैं” यह बात बर्जेस अंग्रेजी शाला की प्राचार्य निशिता हंसा दास ने कही ।


हरेली पर्व पर उन्होंने कहा कि सभी पर्व अपनी विशेषता लिए हुए हैं । हरेली पर्व हमारी संस्कृति की पहचान है ।  ग्रामीण क्षेत्र में किसान अपने खेती बाड़ी के सभी औजारों की पूजा कर अपने इष्ट देव को पूजते हैं।  विभिन्न खेलो जैसे गेड़ी दौड़, नारियल फेक का खेल खेलते हैं । महिलाएं गुड़ का चीला पकवान बनाती है ।


इस अवसर पर बच्चो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राज्य  गीत “अरपा पैरी के धार” से हुई , उसके बाद सुआ नृत्य, गेड़ी नृत्य, छत्तीगढ़ी गीत ने सभी का मन मोह लिया । वहीं बच्चो के विभिन्न  खेलों गेड़ी दौड़ , रस्सी दौड़  का आयोजन किया गया । शिक्षकों ने को छत्तीसगढ की संस्कृति से संबंधित तीज, त्यौहार , खेल व व्यंजन की जानकारियां दी गई।