“सकारात्मक चिंतन से तनाव मुक्त जीवन” विषय पर व्याख्यान का आयोजन
बिलासपुर। बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में “सकारात्मक चिंतन से तनाव मुक्त जीवन” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू, राजस्थान के जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ राजयोगी बी.के. भगवान भाई ने “सकारात्मक चिंतन से तनाव मुक्त जीवन” विषय पर कहा जीवन में दो प्रकार के चिंतन होते हैं, सकारात्मक और नकारात्मक। इनमें मनुष्य को केवल सकारात्मक चिंतन करने की आवश्यकता है। इसी से वह खुशहाल जीवन जी सकता है। हमारे विचार शुद्ध, स्पष्ट, आशावादी और परोपकारी होने चाहिए तथा यही जीवन का मूल मंत्र है। तनाव से मुक्त जीवन एक कल्पना मात्र है फिर भी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए बहुत कुछ हद तक इसका होना अत्यंत आवश्यक है। जब तनाव एक सीमा पार कर जाता है, तब हमारा मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है और इसका असर शरीर पर भी पड़ता है।

लक्ष्य पाने सकारात्मक सोच जरूरी
अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ.आर. के. एस. तिवारी ने कहा निरंतर तनावग्रस्त बने रहना हमारे जीवन के लिए नुकसानदायक है, इसलिए तनाव से दूर रहना ही आपके लिए श्रेष्ठतर होगा। लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकाग्रता व सकारात्मक सोच जरूरी है। विद्यार्थी जीवन में सकारात्मक सोच और सकारात्मक चिंतन जीवन को रूपांतरित कर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डी.के. शर्मा ने आभार व्यक्त किया। आयोजन में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी अजीत विलियम्स, अर्चना केरकट्टा, अकादमिक प्रभारी अजय टेगर का सहयोग रहा।