सघन जांच की बन रही योजना
बेमेतरा। मॉस्किटो कॉयल बेचने वाली संस्थानों को अब कीटनाशक विक्रय का लाइसेंस लेना होगा। इस औपचारिकता के पूरी होने के बाद संस्थानें, चींटी और कॉकरोच के साथ चूहों से बचाव की दवाइयां भी विक्रय कर सकेंगी। जांच में यह जरूरी कागजात नहीं मिले, तो कीटनाशक नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कृषि विभाग का यह फैसला ऐसी संस्थानों को बेहद सख्त लग सकता है, जो किराना, मनिहारी और जनरल स्टोर्स के काउंटर में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करवा रहीं हैं। बरसों पुराने इस नियम को सख्ती के साथ इसलिए प्रभावी किया जा रहा है क्योंकि परिवहन, भंडारण , प्रदर्शन और विक्रय के चारों चरणों में नियम के परिपालन को लेकर जमकर लापरवाही देखने में आ रही है। कृषि विभाग का मानना है कि यह लापरवाही स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है।
इसलिए लायसेंस
कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि मच्छर, चींटी, कॉकरोच और चूहे जैसे जीव, कीट का ही प्रकार हैं। इनसे बचाव के लिए उपाय या साधन जो दवा के रूप में तैयार किए गए हैं, उनमें जहर की मात्रा होती है। इसलिए कृषि दवाओं की संस्थानों की ही तरह इन सामग्रियों के विक्रय के पूर्व लायसेंस लेना अनिवार्य होगा।
करना होगा यह काम
कृषि दवाओं के विक्रय के लिए जो नियम बने हुए हैं, वह इन पर भी समान रूप से लागू होंगे। यानी मॉस्किटो, चींटी, मक्खी, चूहे और कॉकरोच से बचाव के इन उपायों का भंडारण, प्रदर्शन और विक्रय के लिए अलग से काउंटर बनाना होगा। भंडारण और विक्रय वाली जगह खुली और हवादार होना अनिवार्य शर्त होगी।
यहां पहली नजर
कृषि विभाग ने अपनी जांच में यह पाया है कि इन सामग्रियों का सबसे ज्यादा विक्रय किराना दुकान, मनिहारी और जनरल स्टोर्स में हो रहा है। सूक्ष्मता से जांच में भंडारण और विक्रय की विधि पूरी तरह नियम विरुद्ध मिली है, तो प्रदर्शन का तरीका भी नियम को पूरा नहीं करता। लिहाजा भविष्य में होने वाली संभावित जांच में यह निशाने पर हो सकते हैं।
यह पहले से ही सख्त
खाद्य एवं पेय पदार्थों के उत्पादन, परिवहन, भंडारण और विक्रय को लेकर सतर्क रहने वाले खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पहले से ही खाद्य एवं अखाद्य पदार्थों के बीच मानक दूरी को अनिवार्य किया हुआ है। सख्ती इतनी अधिक है कि प्रदर्शन क्षेत्र को भी अलग रखने के कड़े निर्देश हैं। इसलिए कृषि विभाग का नियम, किराना सामान विक्रेताओं के लिए परेशानी की बड़ी वजह बन सकता है क्योंकि यही संस्थानें मॉस्किटो कॉयल की सबसे बड़ी विक्रेता हैं।
मच्छर, चींटी, मक्खी, चूहे और कॉकरोच से बचाव की दवाएं कीटनाशक की श्रेणी में हैं। इसलिए विक्रय करने वाली संस्थानों को कीटनाशक लायसेंस लेना होगा।
एम डी मानकर, उप संचालक, (कृषि), बेमेतरा