अर्थ और समय के नुकसान से बचने फैसला

भाटापारा। शेड के नीचे रखी कृषि उपज की नीलामी सोमवार से शुरू होगी। यह फैसला बारिश को ध्यान में रखते हुए किया जा चुका है। इस बीच जगह बनाने की गरज से छिटपुट मात्रा की नीलामी का काम चालू किया जा चुका है।

खरीफ की तैयारियों के बीच रबी फसल की आवक अभी भी निरंतर जारी है लेकिन जिस मात्रा में यह आवक हो रही है, उसे देखते हुए प्रांगण को छोटा माना जा रहा है। खुली जगह में ही नीलामी की जा रही है क्योंकि शेड के नीचे का हिस्सा भंडारण जैसी स्थिति की वजह से जाम है। इधर मानसून की दस्तक के बाद पहली बारिश से कृषि उपज के भीगने जैसी समस्याएं आने लगीं हैं। आने वाले दिनों में ऐसी परेशानी नहीं आए, इसलिए अब शेड के नीचे रखी कृषि उपज की नीलामी प्राथमिकता से किए जाने का फैसला लिया जा चुका है।

शेड और क्षमता

दलहन-तिलहन और धान जैसी कृषि उपज को बारिश के दिनों में सुरक्षित रखने के लिहाज से प्रांगण के भीतर 8 शेड बनाए गए हैं। इनमें एक को दलहन और तिलहन के लिए रखा गया है। जबकि शेष सात शेड के नीचे धान रखा जाता है। बताते चलें कि इसमें से दो को बारीक धान और बाकी बचे 5 शेड के नीचे की जगह मोटा धान के लिए सुरक्षित रखी गई है। मालूम हो कि शेड की क्षमता 10 से 15 हजार कट्टा की है।

सोमवार से…

मौसम के बनते-बिगड़ते तेवर को देखकर अभिकर्ता संघ ने शेड के नीचे रखी कृषि उपज को विक्रय करने का फैसला ले लिया है। इसकी सूचना किसान, मिलर्स और मंडी प्रशासन को दे दी गई है। इस बीच प्रांगण में भी कामकाज सामान्य दिनों की तरह सुचारू रूप से चलता रहेगा। मंडी प्रशासन ने फैसले की जानकारी उद्दघोषणा के माध्यम से संबंधितों तक पहुंचाने का काम चालू कर दिया है।

दूर होगी यह परेशानी

मंडी अभिकर्ता संघ का यह फैसला निश्चित ही कृषि उपज के भीगने और पानी में बहने जैसी बड़ी समस्या को दूर करेगा क्योंकि उपज के गीले होने के बाद भराई, सिलाई और लोडिंग के काम में अर्थ और समय दोनों में व्यावहारिक परेशानी आती है। यह प्रयास सभी पक्षों के लिए राहत की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।