विज्ञान का चमत्कार , जीवन की विजयगाथा

फरीदकोट। पंजाब में युवक ने दुनिया को अलविदा कहकर भी पांच लोगों की जिंदगी में खुशियाँ बिखेर दी। सड़क दुर्घटना में घायल युवक के सिर पर गंभीर चोंट आई थी। फरीदकोट के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। 14 जून को डाक्टरों की टीम ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इसके बाद परिवार से अनुमति मिलने के बाद ब्रेन डेड युवक के जिंदा शरीर का अंग दान किया गया। युवक की दोनों किडनी लिवर और  कार्निया आंखें अस्पताल में ही प्रतीक्षारत चार मरीजों को दान कर प्रत्यारोपित किया गया। वहीं दिल का मिलान नहीं होने पर उसे ग्रीन कारिडोर के माध्यम से पहले एयरपोर्ट फिर दिल्ली पहुंचाया गया। दिल्ली के आर एण्ड आर अस्पताल में भर्ती मरीज से दिल का मिलान करने के बाद उसे प्रत्यार्पित किया गया।
गौरतलब हो कि 4 जून को तेज रफ़्तार गाड़ी ने लापरवाही से गाड़ी चलाते युवक को ठोकर मार दी थी। इसमें उसके सिर पर गंभीर चोंट आई थी। इलाज के लिए उसे फरीदकोट के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहाँ हालत में सुधार नहीं होने पर पीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहाँ 14 जून को डाक्टरों की टीम ने युवक को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद पीजीआई के डाक्टरों ने ब्रेन डेड युवक के परिजनों को उसके जिंदा शरीर के अंगों को दान करने प्रेरित किया, और सहमति मिलने पर खुद को समर्पित कर पांच लोगों में युवक जिंदा हो गया।

दिल को दिल्ली में मिली धड़कन

पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक व रोटो के नोडलअधिकारी प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि क्रास मैचिंग में अंगदाता के हुदय का मिलान पीजीआई के किसी मरीज से नहीं हुआ। ऐसे में समय बर्बाद किए बिना तत्काल उसकी सूचना देश के अन्य केन्द्रों को दी गई। दिल्ली के आर एंड आर में भर्ती मरीज से मिलान होने की सूचना मिलते ही ग्रीन कारिडोर के जरिए हदय को वहां भेजा गया। वहां मरीज में हृदय का प्रत्यारोपण किया गया।