बांड पूरा होने पर एक डॉक्टर ने छोड़ दी नौकरी
बिलासपुर। सिम्स में एमआरआई और सीटी स्कैन के बाद मरीजों को बीते 8 दिन से रिपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। बिना रिपोर्ट के उपचार करने में डॉक्टरों को दिक्कत हो रही है। परिजनों को भी बार-बार रेडियोलॉजी विभाग भेजकर रिपोर्ट लाने कहा जा रहा है। ऐसे में रिपोर्ट के लिए सिम्स में मरीज और परिजनों की परेशानी बढ़ गई है।
सिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में एक ही डॉक्टर है. मरीजों की सीटी स्केन और एमआरआई हर रोज हो रही है. वहीं डॉक्टर के छुट्टी में होने के कारण बीते 8 दिन से सीटी स्केन और एमआरआई की रिपोर्ट नहीं बन पा रहा है। मरीजों को जांच के बाद केवल फिल्म पकड़ा दिया जा रहा है। समस्या बीते 24 मई से है। रेडियोलॉजी में विभागध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह के साथ डॉ. आशीष शर्मा पदस्थ थे। डॉ. शर्मा का दो साल का बांड था । बांड पूरा करने के बाद उन्होने सिम्स बिलासपुर छोड़़ दी है। ऐसे में रेडियोलॉजी में विभागध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ही बची है। डॉ. अर्चना छुट्टी पर है। डॉ. आशीष के अस्पताल छोड़ने के बाद रेडियोलॉजी में मरीजों का सीटी स्केन और एमआरआई तो हो रहा था, वहीं रिपोर्ट तैयार करने डॉक्टर नहीं है ऐसे में मरीजों को रिपोर्ट नहीं मिल पा रहा। सीटी स्केन और एमआरआई टेकनिशियन मरीजों को फिल्म बनाकर मरीजों को दे रहें। मरीजों से डॉक्टर रिपोर्ट मांग रहें तो उन्हें जांच की फिल्म दिखाया जा रहा ऐसे में डॉक्टर भी इलाज करने में आनाकानी कर रहें जिसके कारण इन दिनों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । गंभीर मरीजों को निजी सेंटरों में जांच रिपोर्ट के लिए जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
6-7 मरीज के ही हो रहे एमआरआई
सिम्स में 14 करोड़ की लागत से सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन लगाई गई है। इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। 6-7 मरीजों के ही एमआरआई कर बचे मरीजों को लौटा दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया ऐसी समस्या मशीन के केवल ओपीडी टाइम में ही चलाने की वजह से है। 2 बजे तक 6 से 7 मरीजों का ही जांच हो पाता है। एक मरीज के जांच में 30 से 40 मिनट का समय लगता है। ऐसे में ओपीडी समय तक 6 से 7 मरीजों का ही जांच किया जा रहा है। बाकी मरीज को दूसरे दिन बुलाया जाता है। एमरजेंसी हो तो ओपीडी टाइम के बाद भी मरीज का जांच किया जाता है।
दो महीने से नहीं हो रही सोनोग्राफी
सिम्स में बीते 2 महीने से सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। इंजीनियरों ने जांच के बाद चूहों के काटने से मशीन के तारो में शॉर्ट शर्किंट होना बताया है। वहीं एक दिन पहले डीन डॉ. के.के. सहारे ने जांच किया तो उन्होने कहा मशीन के साथ छेड़छाड़ की गई है। इस लिए वो खराब है। मशीन को सुधरवाया नहीं जा सका है। दो महीने से मरीजों को सोनोग्राफी की सुविधा नहीं मिल पा रही. मरीजों को निजी अस्पताल में सोनोग्राफी करानी पड़ रही है।