पुलिस, परिवहन और रेलवे में बनी हुई है मांग
बिलासपुर। कंप्यूटर की मजबूत मौजूदगी के बाद भी कार्बन की अहमियत ना केवल बनी हुई है बल्कि चलन पहले से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है। भरपूर मांग और निर्माण में लगने वाली जरूरी सामग्रियों की बढ़ी हुई कीमत ने कार्बन की कीमत में भी गर्मी लाना चालू कर दी है। जैसे तेवर बने हुए हैं, उससे यही धारणा बन रही है कि गर्मी आगे भी बनी रहेगी।
कार्बन घर और कार्यालयों में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली वस्तु। जिस तरह अन्य सामग्रियों की कीमत बढ़ रही है, उसी तरह कार्बन में भी तेजी का दौर चालू हो चला है। तेजी, परेशान तो कर रही है, लेकिन खरीदी से पीछे नहीं हटा जा सकता, लिहाजा भरपूर मांग निकली हुई है क्योंकि सीजन की खरीदी ने जोर पकड़ी हुई है। ऐसे में इसकी गर्मी आने वाले दिनों में भी बने रहने की आशंका है।
इसलिए तेजी
कार्बन उत्पादन के लिए जरूरी, कागज की कीमत वैसे भी बढ़ रही है। दूसरी जरूरी चीज है, इसमें लगने वाली इंक। इसने भी तेजी ली हुई है। अंत में आता है वह केमिकल, जिसकी मदद से उत्पादन संभव हो पाता है। प्रोसेस के दौरान उपयोग होने वाला यह केमिकल पेट्रोल से बनता है। पेट्रोल- डीजल की कीमत जैसी बढ़त ले रही है उसका असर कार्बन उत्पादन इकाइयों पर भी पड़ रहा है। ऐसे में कार्बन की कीमत भी बढ़ रही है।अब इतनी है कीमत
अब इतनी है कीमत
मांग वाले क्षेत्रों की भरपूर खरीदी निकलने लगी है। पहले से ही ऊंचे दाम में खरीदी कर चुके, होल सेल काउंटर, उपभोक्ता मांग के बाद इसका विक्रय 200 रुपए प्रति पैकेट की दर पर कर रहे हैं। तेजी के पहले यह कीमत 160 रुपए पैकेट थी। होलसेल मार्केट, इसकी कीमत 250 रुपए प्रति पैकेट तक जाने की आशंका जता रहा है।
यह है उपभोक्ता क्षेत्र
कंप्यूटर के बढ़ते दबदबे के बावजूद परिवहन कंपनियां, परिवहन कार्यालय, रेलवे, कच्ची रसीद देने वाली संस्थानें, स्कूल, कॉलेज के अलावा ऐसी संस्थानें भी इसकी खरीदी करती हैं, जहां इसके बिना काम संभव नहीं है। पुलिस महकमा परिवहन विभाग के बाद दूसरा ऐसा क्षेत्र है, जहां इसकी खपत सबसे ज्यादा बताई जाती है।