बंसोड़ और बाजार को मांग का इंतजार

भाटापारा। टूट रहा बाजार। खत्म हो रहा कारोबार। कुल जमा सार, यह कि शून्य पर आ चुका है बांस से बनी टोकरी, सूपा, झउहा और पर्रा । हद तो यह कि फसल कटाई मौसम तक में इनकी मांग खत्म हो चुकी है क्योंकि प्लास्टिक ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब परंपरागत शादी-ब्याह के शगुन से इनकी सांसें रोक रखीं है.

हर घर की पहचान थी टोकनियां। हर खलिहान के लिए जरूरी था सूपा। ग्वालों के लिए बांस से बना, झउहा तो पहली जरूरत थी। अब भी बनते हैं, लेकिन बिकते नहीं। बड़ा बदलाव यह आया है कि खेत- खलिहान और घर से बाहर कर दिए जाने के बाद, इनकी मांग केवल शादी-ब्याह जैसे आयोजनों तक आकर सिमट चुकी है। ऐसे में यह कारोबार अपने जीवन की संध्या बेला में पहुंच चुका है।

अर्श से फर्श पर

90 का दशक, बांस से बनी इस सामग्रियों के लिए स्वर्ण काल था। घर से लेकर खेत-खलिहान तक में इनकी मौजूदगी अनिवार्य होती थी। बंसोड़ के पास आर्डर और कारोबारियों के पास मांग भरपूर थी। एक समय ऐसा भी आया, जब ग्रामीण क्षेत्रों की मांग पर, यह बाजार खुद चलकर उनके पास पहुंचा। धीरे-धीरे प्लास्टिक का प्रवेश, इस क्षेत्र में हुआ और दशक पूरा होते-होते यह तेजी से कम होता गया। अब यह फर्श पर आ चुका है।

यहां से हुए बाहर

ग्रामीण क्षेत्र, बांस से बने सूपा, टोकनी, झउहा और पर्रा के लिए आदर्श बाजार था। पूरे साल मांग में बनी रहने वाली यह सामग्री तो फसल कटाई के दिनों में शॉर्टेज की स्थिति में आ जाया करती थी। अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। ग्रामीण अंचलों में बिकना तो दूर, दिखाई तक नहीं देते। हद तो यह कि ग्वालों तक ने इससे दूरी बना ली है। बताते चलें कि खरीददारों का यह वर्ग पर्रा, झउहा के लिए सबसे बड़ा उपभोक्ता था।

अब सिर्फ यहां

बांस से बनी यह सामग्रियां अब केवल शादी-ब्याह से निकलने वाली मांग पर निर्भर हो चुकी है। परंपरा है। इसलिए केवल इन्हीं दिनों इनकी पूछ-परख और खरीदी निकलती है। अन्यथा पूरा साल इंतजार में ही बीतता है। दुकानदार जहां कारोबार बदलने की सोच रहे हैं तो कारीगरों की संख्या लगातार घट रही है।

इस कीमत पर

खेत- खलिहान के दिन हैं। शादियों की तारीख भी लग चुकी है। तैयार बैठा यह कारोबार 50 से 150 रुपए में टोकनी, 50 से 130 रुपए में झउहा, पर्रा का चार नग का सेट 500 से 600 रुपए, सूपा 100 से 120 रुपए, झाड़ू बुहारी 10 से 100 रुपए और लाठियां 40 से 150 रुपए में बेचने के लिए तैयार है।