तैयारी शुरू, गाड़ी में चढ़ने-उतरने की दी जा रही ट्रेनिंग

बिलासपुर। कानन पेंडारी में क्षमता से अधिक चीतलों की शिफ्टिंग एटीआर, तमोर पिगला व गुरु घासीदास उद्यान में होना है। इसके लिए बोमा पद्धति की मदद ली जाएगी।

मंगलवार से इस काम के लिए जमीन की खोदाई शुरू कर दी गई है। शिफ्टिंग से पहले चीतलों को गाड़ी में चढ़ने उतरने की ट्रेनिंग दी जा रही है।


चीतलों की शिफ्टिंग जिम्बाब्वे की बोमा तकनीक से होनी है। इसमें सीढ़ी जैसा एक कारिडोर बनाया गया है। सामने 4० मीटर चौड़ाई होती है, जो आगे जाकर डेढ़ मीटर हो जाती है। 4० मीटर वाले हिस्से में स्लाइडर लगाया जाता है। सामने की तरफ चीतलों के लिए दाना डाला जाता है। एक या दो दिन तक स्लाइडर बंद नहीं किए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि स्लाइडर बंद होने पर चीतल हड़बड़ा कर इधर-उधर न भागें।

दाने को संकरे हिस्से तक डाला जाता है। खाते-खाते चीतल वहां तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद सामने का स्लाइडर बंद कर दिया जाता है। शिफ्टिंग से पहले चीतलों को ट्रेनिंग दी जा रही है।