दीपावली के लिए मिठाई बाजार हो रहा तैयार

भाटापारा। चाहिए हर रोज 3 हजार लीटर। उपलब्ध हो रहा है 1 से 2 हजार लीटर। दूध की मांग में हो रही बढ़ोतरी से डेयरियां दबाव में आने लगीं हैं। इसके बावजूद उत्पादन में वृद्धि के लिए तैयारी दिखाई नहीं देती।

दीपावली के लिए स्वीट कॉर्नर और होटलों में तैयारियां चालू होने लगीं हैं। संक्रमण की कम होती संख्या और सब कुछ सही होने के बाद, मिठाई कारोबार पटरी पर लौट रहा है। महंगाई का असर तो है लेकिन जैसी खरीदारी हो रही है, उसे देखते हुए यह क्षेत्र अच्छे कारोबार की आस में है। इस वजह से दूध की मांग डेयरियों तक पहुंचने लगीं हैं।


मांग और आपूर्ति

दूध उत्पादन के लिहाज से समय सामान्य है लेकिन मांग ज्यादा है क्योंकि दीप पर्व की मांग निकल रही है। स्वीट कॉर्नर और होटलों की, जैसी डिमांड है, उसके मुताबिक यह संस्थानें रोज लगभग 6 लीटर दूध मांग रहीं हैं जबकि उत्पादन महज 50 फ़ीसदी याने 3000 लीटर के आस पास आकर ठहरा हुआ है, लिहाजा डेयरियां दबाव में आने लगीं हैं।


पहली प्राथमिकता इन्हें

मांग के दबाव के बीच, काम कर रहीं डेयरियों की पहली प्राथमिकता अपने नियमित उपभोक्ताओं की जरूरतें हैं। दूसरे क्रम पर मिल्क कलेक्शन सेंटर हैं। पूरे साल, साथ देने वाले इन दोनों उपभोक्ताओं की मात्रा कम नहीं की जा सकती। इसलिए इनकी खरीदी से बचा दूध ही सीजन की मांग वाले क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है। कीमत में बदलाव जैसी कोई योजना नहीं है।


इसलिए नहीं बढ़ा रहे उत्पादन

दीपावली के लिए मिठाई कारोबारियों की मांग जोरदार तो हैं लेकिन दीपावली के बाद यह मांग एक झटके में खत्म हो जाएगी। इसलिए डेयरियां उत्पादन बढ़ाने को लेकर अरुचि दिखा रहीं हैं। प्रयास इस बात का है कि मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाकर चला जाए ताकि नियमित और सीजन के कारोबार की डिमांड पूरी की जा सके।