परिवहन खर्च बढ़ने से दोनों में आई तेजी

भाटापारा। दीपावली पर इस बरस रुई और दीया की खरीदी पर कुछ ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे क्योंकि दोनों की कीमत बढ़ चुकी है। खरीदी तो नहीं लेकिन पूछ- परख जरूर चालू हो चुकी है। बाजार को अच्छे कारोबार की उम्मीद भी है।

पेट्रोल- डीजल की बढ़ी हुई कीमत का असर हर कारोबार में दिखाई देने लगा है। पहला असर, हरी सब्जियों सहित दूसरी खाद्य सामग्रियों में दिखाई देने लगा है। अब यह, तेजी से हर उस कारोबार की ओर कदम बढ़ा रहा है जिसका सीजन दस्तक दे चुका है। दीप पर्व से जुड़े कारोबार में रुई और दीया ऐसी ही चीज हैं जिसे भी महंगाई की नजर लग चुकी है।


दीया में यह भाव

गणेश और नवरात्रि पर्व के समापन के बाद कुम्हार ना केवल दीया बनाने में लग चुके हैं बल्कि मांग वाले क्षेत्र में आपूर्ति भी करने लगे हैं। लागत व्यय और परिवहन पर होने वाले खर्च के बाद खरीदी क्षेत्र को यह 20 से 30 रुपए प्रति दर्जन की दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह दर बीते साल की तुलना में 5 से 8 रुपए ज्यादा बताई जा रही है।

रुई में लगी आग

साल में 3 माह के सीजन वाले रुई बाजार में हल्की चहल-पहल दिखाई देने लगी है। कपास की बेहतर खेती के बाद, इस बरस समर्थन मूल्य की दरें बढ़ने का असर रुई पर पड़ चुका है। बीते बरस 90 से 100 रुपए किलो पर मिल रही रूई, इस बरस 120 से 140 रुपए किलो में ली जा सकेगी। इसकी वजह से घर पर बाती बनाने के लिए कुछ ज्यादा पैसे लगेंगे। जबकि रेडीमेड बाती 10 रुपए पाउच की दर पर स्थिर है।


आएंगे अच्छे दिन

नवरात्रि में बाजार की गति को देखकर कारीगरों को दीपावली पर अच्छी ग्राहकी निकलने की उम्मीद है। इसलिए फिलहाल, कीमत स्थिर रखी गई है। लेकिन रूई बाजार दीपावली के बाद शीत ऋतु की मांग को देखते हुए और तेजी की उम्मीद में है। संकेत मिल रहे हैं कि रुई में आने वाले दिन तेजी के हो सकते हैं।