बदल रहा राखी बाजार
भाटापारा। फैंसी आउट, मैटल इन। डिमांड में बनी हुई है परंपरागत डोरियां लेकिन लूंबा की तेजी से घटती मांग ने राखी बाजार को हैरत में डाला हुआ है। इसलिए बेहद सतर्कता के साथ इसकी खरीदी की गई है।
रक्षाबंधन का पर्व इस बरस कुछ विशेष होगा क्योंकि परंपरागत राखियों की जगह मैटल की राखियों ने ले ली है। छोटी तो हैं ही, साथ ही आकर्षक कलाकृतियों के बीच श्री गणेश की मुखाकृति वाली राखियां भी होंगी। जिसे लेकर बीते 2 साल से रुझान बढ़ा हुआ है।फैंसी आउट, मैटल इन

फैंसी आउट, मैटल इन
परंपरागत फैंसी राखियां इस बार बेहद कम नजर आएंगी क्योंकि बहनों की रुचि नहीं थी। रुझान था मेटल की राखियों को लेकर इसलिए इस बार बाजार ने विशेष तौर पर मेटल की राखियां मंगवाई हैं। श्री गणेश सीजनल शॉप के संचालक बिहारी जोशी के मुताबिक राखियां 10 से 15 फ़ीसदी महंगी हुई हैं लेकिन आकर्षक हैं। खासकर श्री गणेश की मुखाकृति वाली राखियों पर जोरदार प्रतिसाद की संभावना है।बेहतर रुझान के संकेत यहां से भी

बेहतर रुझान के संकेत यहां से भी
शहरी क्षेत्र से ज्यादा मांग रखने वाला ग्रामीण क्षेत्र भी परंपरागत राखियों की खरीदी को लेकर उत्साहित नहीं है। मेटल की राखियो की डिमांड यहां, शहर की तुलना में ज्यादा देखी जा रही है क्योंकि ग्रामीण इलाकों की दुकानों की खरीदी चालू हो चली है। मात्रा से संकेत मिल रहा है कि यह क्षेत्र इस बार शहर से आगे निकल सकता है। इसलिए होलसेल मार्केट की पहली प्राथमिकता इन्हें ही मिल रही है।डोर मजबूत, लूंबा कमजोर

डोर मजबूत, लूंबा कमजोर
राखी बाजार में शुरू से मजबूत रहीं डोरियां पूर्ववत् स्तर पर कायम हैं लेकिन लूंबा को पहली बार बेहद कमजोर देखा जा रहा है। विशेष वर्ग में पसंद किए जाने वाले लूंबा की मांग इतनी कमजोर है कि बेहद सीमित खरीदी की है खुदरा बाजार ने। वैसे कुल मिलाकर आगत रक्षाबंधन कुछ नए बदलाव के बीच मनाया जाएगा। पहला बदला स्वरूप होलसेल और रिटेल काउंटर में देखा जाने लगा है।