बिलासपुर। मखाना 1000 से 1400 रुपए किलो। यह तब, जब नई फसल आने वाली है। नेपाल के रास्ते आ रहा बादाम 870 से 3200 रुपए किलो पर पहुंच कर आगे भी तेजी का संकेत दे रहा है।
मेवा और मेवा से बनी मिठाइयों की खरीदी अब महंगी पड़ने लगी है क्योंकि सभी किस्में बेहद तेज हो चलीं हैं। यह स्थिति दीप पर्व तक बने रहने की आशंका है क्योंकि कमजोर घरेलू फसल के बीच त्यौहारी मांग की शुरुआत हो चुकी है। सबसे ज्यादा डिमांड पैक्ड मिठाइयां बनाने वाली कंपनियों की है।

तूफान मखाना और किशमिश में
बीते कुछ साल से मखाना का उपयोग क्षेत्र बढ़ा है जबकि उत्पादन स्थिर है। ऐसे में उत्पादक क्षेत्र बिहार पर मांग का दबाव बढ़ा हुआ है। प्रतिकूल मौसम के बीच महज 50 फीसदी उत्पादन की खबर से यह 1000 से 1400 रुपए किलो पर पहुंच चुका है। ठीक ऐसी स्थिति किशमिश में भी बनी हुई है। जिसकी वजह से नीचे में भाव प्रति किलो 500 रुपए और ऊपर में 1000 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं।दबाव काजू और बादाम पर

दबाव काजू और बादाम पर
काजू बोल्ड 950 से 1000 रुपए किलो। काजू स्मॉल 860 से 940 रुपए किलो। स्मॉल काजू इसलिए तेजी की राह पर है क्योंकि काजू बर्फी के लिए यही उपयोग में लाया जाता है। अमेरिका के कैलिफोर्निया से आ रहा बादाम, नेपाल के रास्ते आ रहा है। इसलिए आयातित बादाम 1100 से 3200 रुपए किलो पर पहुंचा हुआ है, तो लोकल बादाम 870 से 1000 रुपए किलो पर मजबूत है।मजबूत यह दोनों

मजबूत यह दोनों
कम ही मांग में रहता है छुहारा लेकिन 240 से 500 रुपए किलो पर मजबूत है। अब खजूर से भी मिठाइयां बनाई जाने लगी हैं, इसलिए हल्की तेजी के बीच इसकी खरीदी 80 से 200 रुपए किलो की दर पर की जा सकेगी। मजबूती की धारणा इन दोनों में इसलिए बन रही है क्योंकि पैक्ड मेवे में डिमांड पूरे साल बनी रहती है।