खरीफ में संख्या बढ़ने की संभावना
भाटापारा। औसत ही रहेगी नए बोर खनन की संख्या क्योंकि बीते तीन दिन से हो रही बारिश ने किसानों की चिंता काफी हद तक दूर की है लेकिन इतना तो तय माना जा रहा है कि रबी के बाद आने वाला खरीफ सत्र निश्चित ही बोर खनन की संख्या बढ़ाएगा।
विलंब से मानसून का प्रवेश। जरूरत के समय बारिश का नहीं होना। इन दोनों स्थितियों ने किसानों को एक बार फिर से बोर खनन की ओर कदम बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है। सितंबर में हो रही बारिश की नमी, रबी फसल के लिए अच्छी मदद करेगी लेकिन खरीफ के लिए यदि अभी से तैयारी नहीं की, तो परिणाम विपरीत जा सकते हैं। इसी सोच ने उम्मीद बढ़ाई है बोर खनन करने वाली मशीनों के लिए, जो आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से आते हैं।
रबी में औसत कारोबार की उम्मीद
बोर खनन से जुड़े कारोबारियों का मानना है कि सितंबर माह में हो रही बारिश से सूखे की चिंता काफी हद तक दूर हुई है। हो रही बारिश के बाद अब यह जानकारी सामने आ रही है कि रबी सत्र में नए बोर खनन की संख्या औसत ही रहेगी क्योंकि इस बारिश की वजह से नमी काफी दिनों तक बनी रहेगी। इसकी वजह से दलहन-तिलहन की फसल लेने वाले किसानों को सिंचाई के लिए पानी की जरूरत कम ही होगी।
चौकाने वाले होंगे आंकड़े
मानसून की टेढ़ी चाल से हतप्रभ किसान अब ज्यादा खतरे में नहीं आना चाहता। लिहाजा तैयारियां, आगामी खरीफ सत्र के लिए अभी से शुरू किए जाने की जानकारी आ रही है। उम्मीद है कि खरीफ सत्र में नए बोर खनन का आंकड़ा चौकाने वाला हो सकता है। इसके अलावा औसत गहराई भी सामान्य की तुलना में कुछ अधिक ही जा सकती है। यह इसलिए क्योंकि ज्यादा गहराई में भरपूर पानी की संभावना अभी भी बनी हुई है।
अभी ध्यान इस पर
नए बोर खनन के लिए योजना तो है लेकिन फिलहाल पहली प्राथमिकता घरेलू कामकाज और शादी-ब्याह के साथ पूरे साल की जरूरत को ही दी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि खरीफ की फसल ही पूरे साल की जरूरत का आधार मजबूत करती है। बहरहाल रबी में औसत और खरीफ में अच्छे दिन की उम्मीद में हैं बोरवेल खनन कारोबार।