2015 से अब तक कर चुका है आधा करोड़ रुपए कमाई
बिलासपुर। ग्राम चोरभट्टी स्थित राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जैविक उत्पादों की विक्रय से ₹15 लाख की राशि विश्वविद्यालय को लाभांश स्वरूप प्रदान की। इसका धनादेश इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को अधिष्ठाता डॉ. एन.के. चौरे ने भेंट किया।
बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर के अंतर्गत ग्राम चोरभट्ठी में राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है। जहां फसलों में कीटों एवं रोगों के नियंत्रण के लिए जैविक नियंत्रण एजेंटों का उत्पादन किया जा रहा है। यह उत्पाद समेकित कीट प्रबंधन के अंतर्गत किसानों के लिए पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित, किफायती और टिकाऊ विकल्प हैं। इसे किसानों को किफायती कीमतों में बेचा जाता है। प्रयोगशाला ने वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक ₹50 लाख का लाभांश प्राप्त किया है। राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जैविक उत्पादों की विक्रय से मिली ₹15 लाख की राशि विश्वविद्यालय को लाभांश स्वरूप प्रदान की। इसका धनादेश इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को अधिष्ठाता डॉ. एन.के. चौरे ने भेंट किया। इस अवसर पर डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, डॉ. आर.के.एस. तोमर, डॉ. संजय कुमार वर्मा, डॉ. विनोद कुमार निर्मलकर, उपस्थित रहे।
प्राकृतिक खेती को दे रहा है बढ़ावा
राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का मुख्य उद्देश्य कृषि में कीटों एवं रोगों के नियंत्रण हेतु जैविक नियंत्रण एजेंटों का उत्पादन करना है। यह उत्पाद समेकित कीट प्रबंधन के अंतर्गत किसानों के लिए पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित, किफायती और टिकाऊ विकल्प प्रदान करते हैं।