भाटापारा। खाली हो चले हैं गोबर खाद के गढ्ढे। इसलिए प्रति ट्रॉली कीमत 1200 से 1300 रुपए पर जा पहुंची है। बताते चलें कि शुरुआती कीमत 1100 रुपए प्रति ट्रॉली थी।
रासायनिक उर्वरकों की बिक्री अपनी जगह बनी हुई है लेकिन किसानों का भरोसा गोबर खाद पर मजबूती के साथ कायम है। यही वजह है कि पहला ध्यान किसानों का गोबर खाद पर ही होता है क्योंकि खरीफ के दिनों में किया गया फैलाव रबी फसलों में भी अपेक्षित परिणाम देता है।अंतिम दौर में

अंतिम दौर में
साल-दर-साल बढ़ रही है गोबर खाद में मांग, अनुपात में कीमत भी बढ़ रहे हैं लेकिन पहला साल है, जब एक मुश्त 300 रुपए की तेजी आई है। मांग को देखते हुए कीमत प्रति ट्राली और बढ़ने की आशंका थी लेकिन गोबर खाद के गड्ढे अब खाली होने लगे हैं लिहाजा ध्यान अब पोल्ट्री फार्म की ओर दिया जा रहा है लेकिन यहां भी बढ़ी हुई कीमत से किसानों को सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मांग की तुलना में उपलब्धता बेहद कमजोर है।इसलिए बढ़ी मांग
इसलिए बढ़ी मांग
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कॉपर और जिंक। गोबर खाद में मिलने वाले यह प्रमुख तत्व बाद की फसलों में भी अपेक्षित परिणाम देते हैं। इसके अलावा मिट्टी में नमी की मानक मात्रा और उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाते हैं। इसलिए खरीफ सत्र में मांग अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। कीमत और मांग में वृद्धि के पीछे सब्जी बाड़ियों की डिमांड भी बड़ी वजह मानी जा रही है, जहां पूरे साल सब्जी की खेती की जा रही है।खरीदी इसमें भी

खरीदी इसमें भी
यूरिया 266 रुपए 50 पैसे, डीएपी 1350 रुपए, पोटाश 1625 रुपए और सुपर फास्फेट 534 रुपए प्रति बोरी। रासायनिक खाद में सोसाइटियों से इस दर पर किसान खरीदी कर रहे हैं। पहली बार नया परिवर्तन यह कि सुपर फास्फेट की खरीदी को लेकर किसानों का रुझान बढ़ा हुआ देखा जा रहा है। कुल मिलाकर इस वर्ष खाद की खरीदी किसान बेहद सतर्कता के साथ कर रहे हैं।