बिलासपुर। बेहतर मानसून का पूर्वानुमान। जोरदार रहेगी मांग सूखी सब्जियों में। इस धारणा ने सूखी सब्जियों के दाम 20 से 25 फीसदी बढ़ा दिए हैं।
सब्जी बाड़ियों में जलभराव की समस्या आ सकती है। इसलिए जल निकास प्रणालियां दुरुस्त की जा रहीं हैं लेकिन बोनी में ऐसी प्रजातियों का चयन किया जा रहा है, जो भारी बारिश सहन करने में सक्षम हैं। इसलिए हरी सब्जियों में संभावित कमी की धारणा के बीच सूखी सब्जियों का बाजार गर्म होने लगा है।सबसे आगे राजमा और झुरगा

सबसे आगे राजमा और झुरगा
बारिश के दिनों में सूखी सब्जियों में सबसे आगे रहता है झुरगा और राजमा। उत्पादक क्षेत्रों में कमजोर फसल से होलसेल काउंटर पहले से ही गर्म है। अब मांग के दिनों ने दस्तक दे दी है इसलिए तेजी के बाद पंजाबी राजमा 100 से 140 रुपए और कश्मीरी राजमा ने 160 से 200 रुपए किलो जैसी उच्च कीमत अपने नाम कर ली है। पीछे झुरगा भी नहीं है। बढ़त के बाद सफेद झुरगा 90 से 120 रुपए किलो और लाल झुरगा 100 से 140 रुपए किलो पर पहुँच चुका है।

डिमांड पूरे साल
चना की तीनों किस्में पूरे साल मांग में रहती हैं लेकिन बारिश के दिनों में घरेलू मांग, बाजार पर दबाव बढ़ाता आया है। हरी सब्जियों की उपलब्धता कम होती देखकर घरेलू मांग के दबाव से इसने भी तेवर दिखाने चालू कर दिए हैं। इसलिए चना खैरी 70 से 90 रुपए किलो, चना गुलाबी 100 से 140 रुपए किलो और चना काबुली में भाव 80 से 180 रुपए किलो बोले जा रहे हैं। सामानांतर में रहती है मटर में मांग। ऐसे में हरा मटर 120 से 160 रुपए और सफेद मटर 50 से 80 रुपए किलो पर पहुंचा हुआ है।बोनी घटा रहीं हैं सब्जी बाड़ियां

बोनी घटा रहीं हैं सब्जी बाड़ियां
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। जोरदार बारिश के इस अनुमान के बाद सब्जी बाड़ियों ने जल निकास प्रणाली चुस्त करनी चालू कर दी है। इसके अलावा बोनी के पूर्व ऐसी प्रजाति के बीज की खरीदी कर रहीं हैं, जो भारी बारिश और जल भराव जैसी प्रतिकूल स्थिति का सामना करने में सक्षम है। हालांकि ऐसी प्रजातियां कम ही हैं। इसलिए बोनी का रकबा कम किए जाने के संकेत मिल रहे हैं।