रबी फसल की आवक के लिए मंडी प्रशासन बना रहा प्लान

भाटापारा।  रबी फसल लेकर आने वाली वाहनें पुराने बस स्टैंड में खड़ी होंगी। मुख्य मार्ग बाधारहित किए जाने की योजना है। 2 माह बाद आगत रबी फसल की संभावित बंपर आवक को देखते हुए मंडी प्रशासन ने तैयारी चालू कर दी है।

पूरे साल आवक बनी रहती है लेकिन खरीफ और रबी सत्र में तूफान पर रहती आई है। अनुपात में यातायात की समस्या भी बढ़ती है तो किसान भी बेवजह परेशानी का सामना करते हैं। नई कृषि उपज मंडी आकार तो ले रही है लेकिन पूर्णता तक पुरानी मंडी से कामकाज होना है। इसलिए इसे समस्या मुक्त करने की योजना है। इस पर न केवल योजना बन चुकी है बल्कि अमल में लाए जाने की कोशिश भी चालू हो चुकी है।

सबसे पहले यह

चौतरफा आवक। खास तौर पर रबी सत्र में ज्यादा होती है। समानांतर में बाधित यातायात की समस्या किसानों के साथ पूरा शहर भी झेलता है। यह अब खत्म होने जा रही है क्योंकि मंडी प्रशासन के स्वामित्व वाली बस स्टैंड की भूमि खाली हो चुकी है। इस खाली भूमि का उपयोग कृषि उपज लेकर आने वाली वाहनों के लिए पार्किंग के रूप में करने की योजना है। फिलहाल इस जगह पर लग रही सब्जी दुकानों को मौखिक सूचना दी जा चुकी है, भूमि खाली करने के लिए।

ध्यान में है यह भी

प्रांगण के चारों तरफ की गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी की जाती हैं। खासकर मुख्य द्वार पर ज्यादा। आवक के दिनों में सुगम आवाजाही नहीं हो पाती। सबसे ज्यादा वह कारोबारी संस्थानें प्रभावित होतीं हैं, जो समीप ही हैं। व्यावसायिक गतिविधियां लगभग शून्य ही रहती है क्योंकि संस्थानों तक पहुंच आसान नहीं होती। मंडी प्रशासन का ध्यान इस पर भी है। उपाय राहत के खोजे जा रहे हैं, जिससे कारोबारी गतिविधियां सामान्य बनी रहें।

मूड सख्ती के

कारोबारी संस्थानें तो हैं ही। कृषि उपज के अलावा अन्य संबंधित कारोबारी संस्थानें भी समीप में हैं। ऐसे में यह क्षेत्र मिनी ट्रांसपोर्ट एरिया बन चुका है। यह भी यातायात को प्रभावित करते हैं। हालांकि वाहनें ने छोटी होतीं हैं लेकिन मुख्य मार्ग से लगकर खड़ी यह वाहनें भी समस्या बढ़ाए हुए हैं। प्रशासन का ध्यान इन पर भी है। समझाईश  के बाद भी नहीं माने तो सख्ती देखने में आ सकती है।


खरीफ और रबी दोनों सत्र के लिए स्थाई पार्किंग की योजना पर मंथन कर रहे हैं। कुछ पर अमल, आगत रबी फसल की आवक के पूर्व ही करने का विचार हैं।
– सी एल ध्रुव,  सचिव, कृषि उपज मंडी, भाटापारा