साबुन कंपनियों ने बढ़ाए दाम
बिलासपुर। नहाना महंगा पड़ेगा क्योंकि साबुन उत्पादक कंपनियों ने 2 से 5 प्रतिशत कीमत बढ़ा दी है। यह तेजी तब आई है जब सीजन के लिए अग्रिम सौदे शुरू ही हुए हैं।
नहाने के साबुन का सीजन फरवरी माह से शुरू होता है। तैयारी कर रहीं चिल्हर दुकानों के यह तैयारी इस बार इसलिए महंगी पड़ रही है क्योंकि लगभग सभी ब्रांड के साबुन महंगे हो गए हैं लेकिन बाजार बेफिक्र है क्योंकि बढ़ी हुई कीमत की भरपाई उपभोक्ता से वसूल की जाएगी।

राॅ- मटेरियल महंगा
साबुन उत्पादन में काम आने वाली लगभग सभी कच्ची सामग्रियां तेज हो चली हैं लेकिन जरूरी केमिकल्स में सर्वाधिक तेजी आई है। इसलिए साबुन की कीमत में वृद्धि करनी पड़ी। इस तर्क के साथ कंपनियों ने अग्रिम सौदे चालू कर दिए हैं। ध्यान ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी बढ़ाने पर है क्योंकि प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी होने के संकेत मिलने लगे हैं। इसलिए महज 2 से 5% वृद्धि की गई है।

बेफिक्र है होलसेल मार्केट
फरवरी से लेकर अक्टूबर। यह महीने साबुन की मांग वाले माने जाते हैं। अनिवार्य है उपयोग। इसलिए होलसेल मार्केट ने अपनी तैयारी पूरी करने के बाद अब रिटेल काउंटरों से संपर्क बढ़ना चालू कर दिया है क्योंकि कीमत को लेकर चिल्हर बाजार ने पूछताछ शुरू कर दी है। मिल रहे रुझान को देखते हुए कीमत में तेजी के बावजूद बाजार में 20 से 22 फ़ीसदी ग्रोथ की धारणा है।

ध्यान इन क्षेत्रों पर
माइंस एरिया। समीपी गांव और कस्बे। साबुन के लिए प्रमुख मांग क्षेत्र माने जाते हैं। ध्यान शहरी क्षेत्र में भी इसलिए है क्योंकि स्वच्छता को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ी है। ऐसे में साबुन बाजार इसलिए भी बढ़त की आस में है क्योंकि शहरी क्षेत्र में लिक्विड सोप की खरीदी को लेकर रुझान बढ़ा हुआ है। इसलिए भी तेजी को लेकर ज्यादा चिंता होलसेल और रिटेल काउंटरों में नहीं है।