ग्रामीण उपभोक्ताओं की मांग से तेवर गर्म
भाटापारा। 45 से 80 रुपए किलो। यह उस गुड़ की कीमत है, जिसकी मांग ने हैरत में डाला हुआ है। दिलचस्प यह कि पहली बार मांग और उपलब्धता के हिसाब से तय की जा रही है प्रति किलो कीमत। जबकि शक्कर 42 से 45 रुपए पर शांत हैं।
गुड़ एक, रेट अनेक। मौसम तो एक वजह है ही, पर्व एवं त्यौहार की मांग भी तेजी की बड़ी वजह मानी जा रही है। मंदी के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे क्योंकि ग्रामीण उपभोक्ता मांग का दबाव एक स्तर पर मजबूती के साथ बना हुआ है। ऐसे में होलसेल मार्केट सप्लाई लाईन को दुरुस्त रखे हुए है।

गुड़ एक, रेट अनेक
होलसेल में 45 से 46 रुपए किलो। रिटेल में 60 से 80 रुपए किलो। ग्रामीण क्षेत्रों में असमान कीमत लेकिन शहरी क्षेत्र में भी गुड़ को लेकर यह अंतर हैरत में डाल रहा है। अचंभा इसलिए भी क्योंकि हर क्षेत्र में कई दरें चल रहीं हैं। यह तब, जब थोक में कीमत स्थिर है। फिलहाल मांग का प्रवाह ग्रामीण क्षेत्र की ओर से बना हुआ है जबकि शहरी क्षेत्र में मकर संक्रान्ति को लेकर चल रही तैयारी का दबाव गुड़ पर है।

टूट के आसार फिलहाल नहीं
शीत ऋतु के तेवर जिस तरह बने हुए हैं, उससे भी गुड़ में मांग का दबाव बना हुआ है। ऐसे में मंदी की संभावना फिलहाल नजर नहीं आती। इसलिए भी होलसेल मार्केट ने गुड़ की सप्लाई लाईन मजबूत की हुई है। एडवांस सौदे के साथ आपूर्ति 24 घंटे के भीतर कर दी जा रही है। सेमी होलसेलरों का भी ध्यान रिटेल काऊंटरों की ओर है क्योंकि यहीं से उपभोक्ताओं तक सीधी पहुंच बनती है।

शक्कर शांत
40 से 42 रुपए किलो जैसी कीमत पर शक्कर शांत है। फिलहाल शहरी क्षेत्र की ही मांग से स्थिरता का रुख बना हुआ देखा जा रहा है। तेजी, मौसम में बदलाव के बाद ही आएगी जब, ग्रीष्म ऋतु के लिए कोल्ड ड्रिंक्स, शर्बत, लस्सी सहित जूस,कुल्फी और आईस्क्रीम बनाने वाली ईकाइयों से मांग निकलेगी। इसलिए शक्कर ने कीमत की धारणा को लेकर फिलहाल चुप्पी साधी हुई है।