सूखी सब्जियों के आधा दर्जन नए विकल्प
सतीश अग्रवाल
भाटापारा। रखिया और सोयाबीन की बड़ी तो खूब खा चुके, अब लौकी व पपीता सहित चार अन्य सब्जी की बड़ी ने भी दस्तक दे दी है। प्रतिसाद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि काउंटर तक पहुंचने के बाद खरीद ली जा रही है।
बड़ी की सब्जी के शौकीनों के लिए खुशखबरी। अब सब्जी की आधा दर्जन ऐसी प्रजातियां बड़ी के रूप में पहुंच चुकीं हैं, जिनका सेवन, ऑफ सीजन के दिनों में भी किया जा सकेगा। प्रति किलो कीमत भले ही ज्यादा मानी जा रही हो लेकिन रखिया और सोयाबीन की बड़ी का सेवन करके उब चुके उपभोक्ताओं के बीच इन्हें जोरदार प्रतिसाद मिल रहा है।

पहली बार यह बड़ियां
सोयाबीन और रखिया बड़ी के बाद अब लौकी, फूलगोभी, पपीता, जिमीकंद, मूली और कोचई की बड़ियों का स्वाद, बड़ी के शौकीन ले सकेंगे। दिलचस्प है कि प्रति किलो 400 रुपए कीमत भी उपभोक्ता स्वीकार कर रहे हैं। खरीदी की मात्रा भले ही कम की जा रही हो लेकिन रुझान और खरीदी को लेकर जैसा प्रतिसाद मिल रहा है, उससे सोया और रखिया बड़ी का बाजार कम होने की आशंका है।

बढ़ा रहे यह भी हिस्सेदारी
खूब बनाए जाते हैं घरों में बिजौरी। अब यह भी नजर आने लगे हैं, खाद्य सामग्री विक्रय करने वाली संस्थानों में। कुछ नए प्रयोग के बाद सामान्य बिजौरी के साथ मसाला बिजौरी और रखिया बीज की बिजौरी ने भी काउंटरों में अपनी पहुंच बना ली है। प्रति किलो कीमत 400 रुपए भले ही ज्यादा बताई जा रही हो लेकिन खरीदी को लेकर उपभोक्ता जैसा रुझान दिखा रहा है, उससे संकेत, बढ़ती हिस्सेदारी के मिल रहे हैं।
असर इन पर भी
ऑफ सीजन और हरी सब्जियों में तेजी के दौरान सूखी सब्जियों के रूप में उपयोग की जाने वाली सोया और रखिया बड़ी के अलावा चना, मटर, झुरगा और राजमा को नए बदलाव का सामना करना होगा क्योंकि सूखी सब्जियों के यह आधा दर्जन नए विकल्प खूब पसंद किये जा रहे हैं।

मिल रहा बेहतर प्रतिसाद
बड़ी में अब तक केवल रखिया और सोया की बड़ी ही रही है। इसमें विस्तार की संभावना को ध्यान में रखते हुए अब लौकी फूलगोभी और कुम्हड़ा के अलावा तीन अन्य सब्जियों की बड़ियां लाई गई है। खरीदी को लेकर रुझान उत्साह बढ़ाने वाला है।
– हेमंत देवांगन, देवांगन खजूर वाला, भाटापारा