7 सितंबर से गणेशोत्सव
भाटापारा। प्रतिस्पर्धा खूब लेकिन मूर्तिकार तिलक वर्मा पर श्री गणेश की पूरी कृपा बनी हुई है। यह इसलिए क्योंकि समितियां तिलक के हाथों से बनी प्रतिमा को पहली प्राथमिकता दे रहीं हैं।

भाटापारा-निपानिया मार्ग पर कम से कम दो गांव सूरजपुरा और दतरेंगी चर्चा के केंद्र में हैं। मुख्य मार्ग के दोनों किनारों पर गणेशोत्सव के लिए नयनाभिराम प्रतिमाएं आकर ले रहीं हैं। ऐसे में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सहज में ही समितियों को लुभा रहीं हैं।


स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ऐसे

बीते गणेश उत्सव की अपेक्षा इस बार कीमत भले ही बढ़ी हुई हो लेकिन इसका पूरा ध्यान रखा है भिन्न आकर के रूप में। आकर्षक एवं नयनाभिराम मुखाकृति भक्तों को खूब लुभा रही है। ऐसे में झाकियां बढ़ी हुई नजर आई, तो हैरत नहीं होनी चाहिए। बड़ी प्रतिमाएं तो हैं ही लेकिन इस बार मझौली और लघु प्रतिमा ज्यादा बन रहीं हैं।


150 से 10,हजार तक

विशेष प्रकार की मिट्टी। मानक गुणवत्ता वाला पैरा और लकड़ी। अंत में आवश्यक रंग और परिधान। इन सभी की कीमत अपेक्षाकृत बढ़ी हुई है। इसलिए प्रतिमा निर्माण के लिए व्यय बढ़ा हुआ है। असर वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है। फिर भी 150 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए के बीच प्रतिमाएं ली जा सकेंगी।


आर्डर हो रहे बुक

7 सितंबर से शुरू हो रहे गणेश उत्सव के लिए समितियों के पदाधिकारी मूर्तिकारों के पास पहुंच रहे हैं। पसंद आने पर ऑर्डर भी बुक किए जाने लगे हैं। समितियों की आमदरफ्त जैसी बढ़ी हुई है, उससे मूर्तिकारों में हर्ष महसूस किया जा रहा है क्योंकि घरेलू भक्त भी श्री गणेश स्थापना को लेकर उत्साहित हैं।