पांच प्रजातियों में अंतरप्रवाही कीट का हमला
बिलासपुर। सतर्क रहें पत्ता गोभी और फूलगोभी की खरीदी के दौरान। भिंडी, करेला और बरबट्टी लेते समय भी ऐसी ही सावधानी रखनी होगी क्योंकि इन सब्जी फसलों में नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कीट प्रवेश कर चुके हैं।
बढ़ता तापमान अब सब्जी फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। खासकर ऐसी प्रजातियों पर यह प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, जिन्हें ऑफ सीजन फसलों की श्रेणी में रखा गया है। तापमान का स्तर देखते हुए किसानों से सब्जी वैज्ञानिकों ने कहा है कि कीट प्रकोप की दशा में ऐसे कीटनाशक का छिड़काव करें, जिनकी उम्र सबसे कम होती है।

इन सब्जियों में खूब
पत्ता गोभी और फूल गोभी में तो स्पष्ट रूप से देखे जा रहे हैं यह हानिकारक कीट लेकिन भिंडी, करेला और बरबट्टी में जिन कीटों ने प्रवेश कर लिया है, वह भी बेहद हानिकारक माने गए हैं। अब बैंगन भी इनके घेरे में आ चुका है। इसलिए उपभोक्ताओं को खरीदी के दौरान बेहद सावधानी रखनी होगी। भाजी फसलों में चौलाई भाजी भी अब ऐसे ही हानिकारक कीट के निशाने पर है।

किसानों के लिए यह अलर्ट
जिन सब्जी फसलों में कीट प्रकोप हो चुका है, उन पर नियंत्रण के लिए ऐसे कीटनाशक का छिड़काव किया जाना सही होगा, जो शीघ्र असर करती हैं और घातक रसायन का असर दीर्घ अवधि तक बना नहीं रहता। सही मार्गदर्शन के लिए कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से किसान संपर्क कर सकते हैं।

निगरानी ग्रीन हाउस में भी जरूरी
सब्जी बाड़ियों के साथ ऐसे किसान, जिन्होंने ग्रीन हाउस में सब्जी फसलें ली हुईं हैं, वहां भी सतर्कता बरतना अनिवार्य माना जा रहा है क्योंकि तेज धूप और छाँव के बीच में भी हानिकारक कीट का प्रवेश संभव है। ऐसे किसानों को निगरानी का समय बढ़ाना होगा। साथ ही बोनी के पूर्व प्रजाति चयन में सावधानी आवश्यक होगी।

सावधानी बेहद जरूरी
तेज धूप और भीषण गर्मी की वजह से ऑफ सीजन सब्जी फसलों में कीट प्रकोप की शिकायतें ज्यादा है। किसानों को कीटनाशक खरीदी में ऐसी दवाओं का छिड़काव करना होगा, जिनका असर दो या तीन दिन में खत्म हो जाता है। ज्यादा अवधि वाले कीटनाशक फसलों की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
-डॉ अमित दीक्षित, डीन, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, दुर्ग