भाटापारा। जारी है आदेशों की अवहेलना। दो पहिया में तीन सवारी। यह भी बेखौफ जारी है। औचक जांच में यातायात पुलिस ने फिर से दो दर्जन प्रकरण बनाए। संकेत अब और भी ज्यादा सख्ती के मिल रहे हैं क्योंकि समझाइश और अर्थ दंड जैसे उपाय प्रभावी नहीं नजर आ रहे हैं।
खानापूर्ति ही मानी जाने वाली यातायात पुलिस की जांच का भय नहीं है। इसलिए विचार है सख्ती बढ़ाए जाने का। इसलिए इसे बहुत जल्द कार्य रूप में बदलते देखा जाएगा क्योंकि यातायात नियमों के पालन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। यही वजह है कि सड़क दुर्घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ रहीं हैं।

अहम है, फिर भी अस्वीकार
हेडलाइट का आधा हिस्सा काला होना। रात में सुरक्षित वाहन चालन के लिए बेहद अहम है लेकिन मानने से जिस तरह इनकार किया जा रहा है, वह कई जिंदगियों को खतरे में डाल सकता है। सघन जांच में यातायात पुलिस ने सर्वाधिक आठ प्रकरण इसके ही बनाए हैं। अर्थ दंड के रूप में वसूले गए 2400 रुपए। जांच के दौरान लाइसेंस नहीं होने के बावजूद वाहन चालन का पांच प्रकरण बनाया जाकर 1500 रुपए का अर्थ दंड लगाया गया।
नहीं मानेंगे
अभ्यस्त हैं वाहन चालक, नियमों का उल्लंघन करने और आदेशों की अवहेलना करने के। बीती जांच में दी गई हिदायतों को नहीं मानने के पांच प्रकरण फिर से बने। फिर वसूले गए 2500 रुपए। यातायात नियमों को नहीं मानने के तीन प्रकरण बनाए गए और वसूले गए 900 रुपए। लगातार जांच में मिल रहे मामलों को देखते हुए अब सख्ती के विचार हैं।

बेखौफ दोपहिया में तीन सवारी
हर चौक-चौराहा और सघन यातायात वाले क्षेत्र से मिल रही जानकारी के बाद जांच के दौरान दो पहिया में तीन सवारी के साथ वाहन चालन के दो मामले बने। इसमें 600 रुपए का अर्थ दंड लगाया गया। थोड़ी जागरुकता जरूरी दस्तावेज लेकर जरूर आ रही है, फिर भी एक प्रकरण बनाया जाकर 300 रुपए का अर्थ दंड लगाया गया।