उत्पादन में गिरावट का असर
बिलासपुर। उत्पादन में 25 से 30 फीसदी की गिरावट। मांग का स्तर जस-का-तस। ऐसे में आसार कम ही है, आलू की कीमत में कमी की। इसे देखते हुए खुदरा बाजार में आलू प्रति किलो न्यूनतम 20 रुपए और अधिकतम 35 रुपए किलो की दर पर पहुंच गया है।
हरी सब्जियों में एक मात्र टमाटर ही ऐसी सब्जी है, जो राहत दे रही है लेकिन शेष प्रजातियां अभी भी क्रय शक्ति से बाहर ही है। ऐसे में मांग का दबाव अब आलू पर देखा जा रहा है। पहले से तेज चल रहा आलू इस दबाव के बाद रोज नई कीमत लेकर आ रहा है।

यहां की फसल खराब
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश। देश में आलू की व्यावसायिक खेती के लिए जाने जाते हैं। जलवायु परिवर्तन और मौसम में आ रहे बदलाव के बाद, तैयार फसल को काफी नुकसान पहुंचा। आकार सामान्य से छोटा आया, तो गुणवत्ता के मानक पर भी असर पड़ा। यह स्थितियां कुल उत्पादन में 25 फीसदी गिरावट की बड़ी वजह बनी जबकि मांग बढ़त लिए हुए है।

खाली हो रहे कोल्ड स्टोर
हरी सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के बाद उपभोक्ता मांग का दबाव आलू पर भी देखा जा रहा है। सप्लाई लाइन तो दुरुस्त है लेकिन भाव बढ़े हुए हैं। ऐसे में कोल्ड स्टोर तेजी से खाली होते नजर आ रहे हैं। कुल मांग का आधा हिस्सा कोल्ड स्टोर से ही पूरा किया जा रहा है। इसलिए आलू की कीमतों में आगे भी मजबूती की धारणा है।

न्यूनतम 25 और अधिकतम 45 रुपए
होलसेल मार्केट में आलू पहाड़ी 2800 रुपए और आलू गोल 2200 रुपए क्विंटल बोला जा रहा है। परिवहन और मजदूरी व्यय मिलाने के बाद लाभ का प्रतिशत मिलकर खुदरा बाजार में आलू पहाड़ी 30 से 35 रुपए किलो और आलू गोल 25 रुपए किलो पर मजबूती के साथ स्थिर है। उत्पादक राज्यों से आ रही खबरों के बाद होलसेल और रिटेल मार्केट कीमतों में फिलहाल मंदी की संभावना से इंकार कर रहा है।