किसान हो रहे परेशान

भाटापारा।  भराई की दरों में वृद्धि को लेकर हुई बैठक में सहमति नहीं बन पाई। असफल बैठक के बाद का यक्ष प्रश्न यह कि प्रांगण में नीलाम हो चुकी उपज का निपटान कब और कैसे होगा ?

रबी फसल की बंपर आवक के बीच शनिवार को महिला श्रमिकों ने यह कहकर भराई के काम से हाथ खींच लिया था कि भराई की दरों में वृद्धि की जाए। समझाइश और मान मनोव्वल की सारी कोशिश असफल रही। तय हुआ कि सोमवार को कार्य दिवस पर इस पर मिलर्स, महिला श्रमिक, अभिकर्ताओं और मंडी प्रशासन की मौजूदगी में विचार विमर्श किया जाएगा।

चाहिए डेढ़ रुपए प्रति कट्टा

है 90 पैसे प्रति कट्टा भराई की दर। यह कम है। इसमें वृद्धि आवश्यक है। इसलिए 60 पैसे बढ़ाया जाकर प्रति कट्टा 1 रुपए 50 पैसे किया जाए। महिला मजदूरों का कहना था कि श्रम साध्य काम है। आवक बढ़ने पर देर शाम तक हर हाल में यह काम करना पड़ता है क्योंकि दूसरे दिन की आवक के लिए प्रांगण में जगह बनानी होती है।

दे पाएंगे इतना

भराई की जो नई दर बताई गई, उस पर विचार विमर्श के बाद मिलर्स ने 1 रुपए 02 पैसे की दर से भराई का भुगतान देने का प्रस्ताव रखा। कहना था कि कई तरह की आर्थिक दिक्कतों के बीच काम कर रहे हैं। ऐसे में यह वृद्धि, खर्च को बढ़ाएगी। फिर भी यह अतिरिक्त खर्च वहन करेंगे। इससे ज्यादा नहीं।

प्रांगण में जाम की स्थिति

भराई की दरों में वृद्धि को लेकर जैसा माहौल बना हुआ है, उसके बाद लगभग 20 से 25 हजार कट्टा कृषि उपज, भराई की राह देख रही है। हालांकि मंडी प्रशासन अपने स्तर पर प्रयास तो कर रहा है लेकिन भराई दरों को लेकर हुई बैठक के  बेनतीजा रहने से अनिश्चितता के घेरे में आ चुके हैं किसान।

प्रयास कर रहे

भराई की दरों को लेकर आ रही परेशानी के हल के लिए सभी पक्षों से बातचीत जारी है। बहुत जल्द हल निकाल लिया जाएगा।
-एसएल वर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी, भाटापारा

By MIG