महिला श्रमिकों की मंडी प्रशासन से मांग

भाटापारा। है 90 पैसा प्रति कट्टा। वृद्धि अनिवार्य है। स्पष्ट जवाब नहीं मिलता देखकर महिला श्रमिकों ने भराई के काम से हाथ खींच लिया हैं। फलत: लगभग 20 से 25 हजार कट्टा धान प्रांगण में यूं ही पड़ा हुआ है।

रबी  फसल इस बरस किसानों के लिए परेशानी की वजह बन रही है। सब कुछ सही रहा लेकिन तैयार फसल का विक्रय टेढ़ी खीर बनी हुई है। कुछ दिन पूर्व प्रांगण के बजाय कृषि उपज बाहर बेचना पड़ा। 24 घंटे भी नहीं बीते कि अब एक नई परेशानी सामने आ चुकी है। भराई का काम बाधित होने के बाद अब किसान खुद यह काम कर रहे हैं।

बढ़ाईए भराई की दरें

90 पैसे प्रति कट्टा की दर में बढ़ोतरी की मांग कर रहीं महिला श्रमिकों का कहना है कि महंगाई को देखते हुए यह श्रम साध्य काम, इतनी कम दर पर नहीं किया जा सकेगा। भराई दर में वृद्धि की मांग के बीच जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो भराई का काम रोकना पड़ा। मंडी प्रशासन समझाता रहा लेकिन काम नहीं आई यह समझाईश।

किसान कर रहे भराई

परेशानी को दूर करने के, किए जा रहे प्रयास में सफलता नहीं मिलता देखकर अब किसान अपनी उपज की भराई खुद कर रहे हैं ताकि  तौलाई का काम शीघ्रता से किया जा सके। रोज शाम बिगड़ता मौसम भी किसानों को इस काम के लिए आगे बढ़ा रहा है। हालांकि उपज की ढेर को सुरक्षित रखने के लिए तिरपाल की व्यवस्था किसानों ने की हुई है।

प्रांगण जाम

भराई नहीं हो पाने की वजह से प्रांगण पूरी तरह से जाम हो चुका है। नीलाम हो चुकी लगभग 20 से 25 हजार कट्टा कृषि उपज की भराई हर हाल में करनी होगी, तब ही सोमवार को होने वाली आवक के लिए जगह मिलेगी। इसलिए मंडी प्रशासन, महिला श्रमिकों से चर्चा कर गतिरोध दूर करने के साथ वैकल्पिक उपाय की भी तलाश में है।

चल रही वार्ता

महिला श्रमिकों से वार्ता का दौर चालू है। वैकल्पिक उपायों के तहत किसानों से अपनी उपज की भराई करने के लिए अनुमति दी जा चुकी है।
-एसएल वर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी, भाटापारा

By MIG