सघन जांच की तैयारी
बलौदाबाजार। कबाड़। वजन में गड़बड़ी की खूब शिकायतें। फौरी जांच में सही मिलीं। इसलिए विधिक माप विज्ञान विभाग ने तगड़ी कार्रवाई की योजना पर काम करना चालू कर दिया है।
सब्जी, किराना और स्वीट कॉर्नरों में नियमित जांच करता रहा है, विधिक माप विज्ञान विभाग लेकिन पहली बार नजर, उस कारोबार पर है, जो अब तक जांच और कार्रवाइयों से बचता रहा है। जी हां, इसे कबाड़ का कारोबार के नाम से पहचाना जाता है। जिसकी सघन जांच की योजना विभाग बना रहा है।

सही नहीं, तौल उपकरण
पहुंचती शिकायतों पर जब विधिक माप विज्ञान विभाग ने जांच की, तब यह जानकारी सामने आई कि तौल उपकरण न केवल बहुत पुराने हो चुके हैं बल्कि यह भी खुलासा हुआ कि सत्यापन को लेकर भी गंभीर नहीं हैं कबाड़ कारोबारी। इलेक्ट्रॉनिक हो, या तराजू बांट वाले कांटे। सही जानकारी बेचे जा रहे कबाड़ की, नहीं मिलती। ऐसे में बहुत ज्यादा वजन में गड़बड़ी मिली।

यह क्यों
समतल और बाधा रहित जगह पर रखा जाना है तौल उपकरण, लेकिन मैदानी सच्चाई कुछ और ही है। अधिकतर दुकानों में कबाड़ के घेरे में ही नजर आते हैं तौल उपकरण, जिससे कबाड़ बेचने आए व्यक्ति को वजन की मात्रा का आकलन करने में बेहद कठिनाई होती है। ऐसे में यह किया जाना, जानबूझकर की जा रही हरकत ही मानी जा रही है।

कम यह भी नहीं
हाथ ठेला, साइकिल, रिक्शा और छोटे माल वाहक। इनके जरिए भी कबाड़ का क्रय और विक्रय किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक नहीं, परंपरागत कांटा-बांट जैसे तौल उपकरण का उपयोग बेखौफ जारी है। सत्यापन को लेकर लापरवाह कबाड़ का कारोबार करने वाला यह क्षेत्र भी विधिक माप विज्ञान विभाग की नजर में आ चुका है। याने बड़ा ही नहीं, कबाड़ का छोटा कारोबार क्षेत्र भी जांच के दायरे में आने वाला है।
विभाग द्वारा आयोजित शिविर में कुछ व्यापारियों के नही आने से उनकी जांच के दौरान गड़बड़ी पकड़ में आई है।
-दामोदर वर्मा, निरीक्षक, विधिक माप विज्ञान विभाग, बलौदा बाजार