खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां ध्यान दें…

भाटापारा। खाद्य सामग्री बेचने वाले सुपर बाजार, माॅल और मार्ट को भी कृषि उपज मंडी प्रशासन से पंजीयन नंबर लेना होगा। नवीन आदर्श उप विधि की कंडिका 18(2) के तहत इस पर अमल किया जाना चालू हो चुका है।

खाद्य सामग्री का कारोबार अब और भी अधिक पारदर्शी होगा। नियम नया नहीं है लेकिन जिस अनुपात में यह क्षेत्र फैलाव ले रहा है, उसके बाद इसे प्रभावी बनाने के उद्देश्य से कवायद होने लगी है। इसके तहत् नवीन पंजीयन एवं पुराने पंजीयन का नवीनीकरण शुरू हो चुका है।

आएगी पारदर्शिता

माॅल, मार्ट और सुपर बाजार । यह क्षेत्र भी कृषि उपज की खरीदी करता है। खरीदी और बेची जा रही मात्रा भी अच्छी-खासी होती है। लिहाजा इन्हें कृषि उपज मंडी के नियमों के अनुसार मंडी प्रशासन से पंजीयन नंबर लेना होगा। प्रभावी होने से कारोबार में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी और यह भी ज्ञात होगा कि आवक और खपत, किस जिंस में कितनी है?

यह क्षेत्र भी

आटा चक्की और हालर मिल। इन्हें भी कृषि उपज मंडी अधिनियमों का पालन करना होगा। यह इसलिए क्योंकि मांग की आपूर्ति के लिए यह दोनों क्षेत्र कृषि उपज की खरीदी प्रांगण और खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयों से करते हैं। इसलिए नियमानुसार दोनों को मंडी प्रशासन से पंजीयन नंबर लेना होगा। वह क्षेत्र भी नियमों के घेरे में होगा, जो कृषि उपज से संबंधित प्रसंस्करण ईकाईयां चला रहे हैं।

देनी होगी यह जानकारी

नियमानुसार संबंधित कारोबारी क्षेत्र को निश्चित समय में आवक-जावक और स्टाॅक की जानकारी मंडी प्रशासन को देनी होगी। इससे न केवल कारोबार में पारदर्शिता लाई जा सकेगी बल्कि मंडी प्रशासन की सालाना राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम किसानों के लिए ज्यादा लाभदायक होगा क्योंकि प्रतिस्पर्धी खरीदी‌ से उपज की बेहतर कीमत मिलेगी।

अधिसूचित कृषि उपज से संबंधित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों और कारोबारी संस्थानों को मंडी लायसेंस लेना अनिवार्य है।
-एस एल वर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी, भाटापारा

By MIG