खाली हाथ लौटेंगी लुब्रिकेंट ऑयल बनाने वाली यूनिटें
बिलासपुर। इस बरस भी खाली हाथ लौटेंगी लुब्रिकेंट ऑयल बनाने वाली कंपनियां क्योंकि छत्तीसगढ़ में पलाश के बीज दूसरे साल भी नहीं मिलने के आसार बन रहे हैं। ऐसे में बीज की कीमत 1500 से 1700 रुपए क्विंटल की नई ऊंचाई पर पहुंच चुकी है।
छत्तीसगढ़ का पलाश बीज मजबूत सहारा था, लुब्रिकेंट ऑयल बनाने वाली कंपनियों का, लेकिन उतार-चढ़ाव वाले तापमान और जलवायु परिवर्तन के दौर में पलाश के पेड़ संकट में हैं। असर, फूलों की कम होती संख्या के रूप में देखा जा रहा है। दूरगामी असर फलियों में लगने वाले बीज पर भी पड़ रहा है। याने बीज की संख्या कम होने लगी है।

दूसरे साल भी खाली हाथ
देश में लुब्रिकेंट ऑयल बनाने वाली कंपनियां हर बरस छत्तीसगढ़ से पलाश के बीज की खरीदी करतीं हैं। बीज से चिकनाई वाले तेल की मात्रा न केवल अच्छी होती है बल्कि गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इसलिए ग्रीष्मकाल की शुरुआत में ही बीज के लिए आर्डर जारी हो जाते हैं। लेकिन बीते बरस से इस पर ब्रेक लगा हुआ है क्योंकि मांग के अनुरूप, मात्रा नहीं मिल पा रही है। यह क्रम इस बार भी बने रहने की आशंका है क्योंकि फूलों का लगना ना सिर्फ कम हुआ है बल्कि मात्रा भी कम आ रही है।

संरक्षण और संवर्धन नहीं
वन वैज्ञानिकों की मानें, तो पलाश के वृक्षों के संरक्षण और संवर्धन की ओर गंभीरता के साथ काम किया जाना आवश्यक है क्योंकि यह प्रजाति विलुप्ति की राह पर है। इसलिए पौधारोपण में भी इसे शामिल किया जाना आवश्यक होगा ताकि यह प्रजाति बची रहे। पहला प्रयास, बचे हुए वृक्षों के संरक्षण का करना होगा और दूसरी कोशिश, शैशव काल से गुजर रहे पौधों की सुरक्षा के रूप में करनी होगी।

देना होगा अनुकूल माहौल
जलवायु परिवर्तन। खतरा बन रहा है यह बदलाव। पलाश के वृक्ष सबसे पहले इसके घेरे में आ चुके हैं। फूलों और फलियों के लगने के समय उच्च तापमान की जरूरत होती है। बीते बरस इस अवस्था में पहुंच रहे पलाश को असमय बारिश और न्यूनतम तापमान का सामना करना पड़ा। इससे फूल और फलियां कम लगीं। दूसरा बरस भी कुछ ऐसा ही दृश्य लेकर सामने आ चुका है क्योंकि फूलों का आकार छोटा और संख्या कम होने की जानकारी आ रही है।

संग्रहण नहीं
लुब्रिकेंट ऑयल बनाने वाली कंपनियों की मांग तो है लेकिन पलाश की फलियों में बीज की संख्या लगातार कम हो रही है। इसलिए संग्रहण से इस दूरी बनाए हुए हैं संग्राहक। ऐसे में मांग पूरी करने में परेशानी आ रही है।
- सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर