नहीं तो अंकुरण होगा प्रभावित
बिलासपुर। दलहन, तिलहन और गेहूं के लिए चल रहा मौसम वरदान है लेकिन जहां बोनी नहीं की जा सकी है, वहां के किसानों को सावधान रहना होगा। कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह जारी की है कि बोनी के लिए सही तापमान की प्रतीक्षा करें क्योंकि ताजा मौसम में यदि बोनी की गई, तो अंकुरण पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
पहले बेमौसम बारिश। अब शीतलहर, पूर्व में की गई बोनी के बाद तैयार हो रही फसल के लिए भले ही बेहतर मानी जा रही है लेकिन किसानों का एक बड़ा वर्ग बोनी से पीछे हो चुका है क्योंकि खरीफ फसल का प्रबंधन अभी भी अधूरा है, तो गहरी जमीनों में जल भराव और उथली भूमि में नमी की मात्रा बाधा बनी हुई है। ऐसे किसानों के लिए हमेशा की तरह इस बार भी कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह जारी करते हुए कहा है कि तापमान बढ़ने की प्रतीक्षा करना सही होगा।

बोनी के लिए उपयुक्त नहीं मौसम
गेहूं, दलहन और तिलहन। बड़ा हिस्सा ब़ोनी से छूटा हुआ है क्योंकि कहीं जल भराव तो कहीं नमी अभी भी ज्यादा बताई जा रही है। जहां सूख रही है भूमि, वहां फिलहाल बोनी नहीं की जा सकती। कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि बोनी में पीछे हो गए किसान यदि ऐसी स्थितियों में बोनी करते हैं, तो अंकुरण शत-प्रतिशत नहीं हो पाएगा। यह सीधे-सीधे बीज का नुकसान करने जैसा होगा। इसलिए बोनी के लिए सही तापमान की प्रतीक्षा करें।

ओस, बनी वरदान
सामान्य से कम तापमान के साथ सुबह-सुबह गिर रही ओस की बूंदें, पूर्व में बोई जा चुकीं फसलों के लिए वरदान बन रहीं हैं क्योंकि इससे सिंचाई पानी की जरूरत नहीं पड़ रही है। एक समान मात्रा में पहुंच रही ओस से पौधों की बढ़वार भी सही बनी हुई है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रबी सत्र में ली गई फसल भरपूर उत्पादन की खबर लेकर आ सकती है।

कर सकते हैं उर्वरक का छिड़काव
गेहूं, दलहन और तिलहन की वह फसल, जिनकी उम्र 20 से 25 दिन की हो गई है ,वहां के किसान उर्वरक का छिड़काव पूर्व में बताई गई मात्रा में कर सकते हैं। यह समय बढ़वार के लिए सही माना जा रहा है। खरपतवार पर नजर रखना और प्रबंधन की तैयारी की जा सकती है। खासकर गेहूं की फसल में निगरानी ज्यादा रखनी होगी।

प्रतीक्षा करें
जिन किसानों ने रबी फसल की बोनी नहीं की है, वे फिलहाल कुछ दिन प्रतीक्षा करें क्योंकि बोनी के लिए तापमान उचित नहीं है।
- डॉ एस आर पटेल, रिटायर्ड साइंटिस्ट, एग्रोनॉमी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर